शिशु संरक्षण माह की हुई शुरूआत…। 4 मार्च से 8अप्रैल तक चलेगा कार्यक्रम…।।

9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को किया जा रहा विटामिनकृत…।।
सिंहघोष/रायगढ़-04.03.22-
राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में 04 मार्च से 08 अप्रैल 2022 तक समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शिशु संरक्षण माह का आयोजन किया जाना है जिसकी शुरुआत शुक्रवार को पूरे जिले में हुई। इसके तहत प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को गर्भवती माताओं एवं बच्चों को टीकाकृत कर जिले के 09 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा तथा के 06 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आयरन फॉलिक एसिड (आईएफए) सिरप पिलाया जाएगा।
वार्ड नं. 9 मधुबनपारा के आंगनबाड़ी केंद्र से बच्चों को दवा पिला रही नर्स पूजा मेहरा बताती हैं कि कोरोनाकाल के बाद बच्चों के पालक अब बेफिक्र होकर केंद्रो तक आ रहे हैं। यहां सुबह से ही भीड़ लगी हुई है। बच्चों को खुराक पिलाने के बाद 30 मिनट तक पानी या दूध नहीं पिलाने की सलाह पालकों को दी जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फरजाना परवीन कहती हैं कि उनके यहां लक्षित बच्चे 60, 09 गर्भवती और 08 शिशुवती महिलाएं। उनके आंगबाड़ी केंद्र से गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन और कैल्शियम की गोलियां दी जाती है और , खून-पेशाब और एचआईवी इत्यादि जांच कराए जाते हैं। अधिक जोखिम वाले मरीजों की पहचान भी जाती है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ भानू पटेल ने बताया “विटामिन ए की नियमित खुराक प्रत्येक छ: माह में एक बार लेने से बच्चों में रतौंधी, दस्त, श्वांस, संक्रमण, बुखार तथा कुपोषण की संभावना कम हो जाती है।अत: 9 माह से 5 वर्ष के सभी बच्चों को विभिन्न रोगों से बचाव करने वाली विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलायें।“
तमनार पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का दल-
तमनार ब्लॉक के महलोई के आंगनबाड़ी केंद्र में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. एसएन केसरी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. भानू पटेल औरब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डीएस पैंकरा निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान डॉ.केसरी ने बताया कि शिशु संरक्षण माह की शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने हेतु विकासखण्डवार कार्ययोजना तैयार की गई है। शिशु संरक्षण माह के दौरान बच्चों में कुपोषण की जांच की जायेगी और उनका वजन प्राथमिकता से लिया जाएगा। साथ ही आवश्यकतानुसार गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर उन्हें सुपोषित करने हेतु पोषण आहार प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग सहित अन्य सभी विभागों को अभियान की सफलता हेतु आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के लिए कहा गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनोंएवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को कर रहे सुदृढ़-
स्वास्थ्य विभाग के शहरी क्षेत्र की सुपरवाइजर पुष्पलता पाणिग्रही ने बताया, “अभियान के दौरान जिले के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के टीकाकरण केन्द्रों में प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को शिशु स्वास्थ्य संवर्धन से संबंधित राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यकमों की गतिविधियों का सफल संचालन व सेवाओं की प्रदायगी का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य, उप स्वास्थ्य केद्रों के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में टीकाकरण केन्द्र बनाये गए हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया व अन्य स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आयरन फोलिक एसिड की दवाओं का वितरण सहित उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी जा रही है। केंद्रों में बाल कुपोषण नियंत्रण के लिए बच्चों का वजन करना, शिशुवती माताओ को बच्चों की आयु के अनुरूप पोषण आहार देने के सम्बंध में विस्तार से समझाया जा रहा है। उन्हें अनुपूरक पोषण आहार, ऊपरी आहार के बारे मे बताने के साथ ही महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा, साफ-सफाई बरतने के सम्बंध में प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।”