रायगढ़

पीडी कॉलेज को छात्रों ने घोषित किया एनएसयूआई कांग्रेस कार्यालय और प्रिंसिपल एस.के.एक्का को बनाया उसका अध्यक्ष…।।

मनमानी तरीके से एडमिशन होने पर भड़के छात्र प्राचार्य को घेरा

पीडी कॉलेज में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अभाविप ने खोला मोर्चा

सिंहघोष/रायगढ़.16.07.22.अभी हाल के समय में कॉलेजों में फर्स्ट ईयर के रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं तो पिछले दिनों पीजी स्तर पर भी रजिस्ट्रेशन चालू हो चुके हैं।

वहीं इसी बीच शहर के कॉमर्स कॉलेज में सेकंड और थर्ड ईयर में रेगुलर एडमिशन के लिए मारामारी की स्थिति निर्मित हो गई है।

जिसमे शनिवार की दोपहर तकरीबन 1:00 बजे के समीप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रिंसिपल केबिन के सामने धरना दे दिया व छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन पर भ्रष्टाचार का गम्भीर आरोप भी लगाया।

अभाविप का कहना है कि, प्रिंसिपल के द्वारा मनमानी तरीके से सत्ताधारी पार्टी के दबाव में आकर एडमिशन दिए जा रहे हैं।

अधिक परसेंटेज वाले छात्रों को एडमिशन से वंचित कर दिया जा रहा है। तो वही कम परसेंटेज वाले छात्रों को एडमिशन दे दिया गया है।

यही नहीं एनएसयूआई के दबाव में आकर ओपन पद्धति के लिए जारी हुई मेरिट सूची में जिन छात्रों का नाम भी नहीं है। उनको भी ओपन की डेट से पहले ही एडमिट कर दिया गया।यानी कि 15 को ओपन के लिए रिक्त सीटें खुली लेकिन 14 को ही कुछ छात्रों को बिना नियम के एडमिशन में दे दिया गया। इसमें प्रिंसिपल एचओडी प्रवेश प्रभारियों ने भी उनका साथ दिया।

आगे अभाविप ने कहा कि शुक्रवार की रात के अंधेरे में ऐसा भी काम प्रिंसिपल ने किया है और आज हम जब उनसे जवाब मांगने आए हैं। तो वह अपनी ज़िमेदारी से भाग खड़े हुए हैं।

जब कॉलेज प्रबंधन के द्वारा 15 जुलाई को यह नोटिफिकेशन निकाला गया कि ओपन पद्धति से एडमिशन लेने के लिए छात्र 19 तारीख तक एलिजिबल होंगे।

तो ऐसा शुक्रवार की रात क्या हुआ कि पिछली 15 तारीख को ही एक और नोटिफिकेशन आता है। जिसमे रात 8:00 बजे का फरमान जारी किया जाता है कि, 16 जुलाई के दोपहर 12:00 बजे तक एडमिशन को खत्म कर दिया जाएगा।

जिसके एवज में अगले दिन कॉलेज काम को लीपापोती करके समेट दिया।जब इसके लिए प्रिंसिपल से बात करने आते हैं। तो प्रिंसिपल छुट्टी पर चले जाते हैं। जिन क्लासों में धांधली हुई है। उसके प्रवेश प्रभारी भी छुट्टी पर चले जाते हैं।

यदि अभी भी हमारी मांगों पर कुछ नहीं किया जाता है और ट्रांसपेरेंसी के साथ एडमिशन को नहीं लिया जाता है तो हम आगे भी अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए विरोध जारी रखेंगे।

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button