
रायगढ़। जिले के चक्रधरनगर थाना क्षेत्र में सूदखोरी की प्रथा एक बार फिर एक जिंदगी पर भारी पड़ी। अतरमुड़ा निवासी रुपेश दीवान ने सूदखोरों के दबाव और उत्पीड़न से परेशान होकर जहर खा लिया। इलाज के दौरान रविवार को राजधानी के रामकृष्ण केयर अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, रुपेश दीवान ने रिटायर्ड बैंक कर्मचारी अरुण मिश्रा से कुछ समय पहले उधार लिया था। समय बीतने के साथ मिश्रा द्वारा रुपेश पर रकम लौटाने का दबाव लगातार बढ़ता गया। शुक्रवार की शाम अरुण मिश्रा अपने बेटे संतोष मिश्रा और अन्य साथियों के साथ जबरन रुपेश के घर पहुंचे, विवाद हुआ और आरोपियों ने न सिर्फ उसे घर से बाहर निकाला, बल्कि जबरन घर पर कब्जा भी कर लिया।
परिवार सहित थाने पहुंचा था पीड़ित
घटना से आहत रुपेश अपने परिवार के साथ चक्रधरनगर थाना पहुंचा, लेकिन थाना प्रभारी की गैरमौजूदगी में पुलिस ने उन्हें अगले दिन सुबह आने को कहा। इसी बीच रुपेश ने असहायता और निराशा में एक वीडियो रिकॉर्ड किया और जहर सेवन कर लिया।
हालत बिगड़ने पर उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर स्थिति में रायपुर रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान रुपेश ने दम तोड़ दिया।
सीएसपी ने लिया संज्ञान, पुलिस ने दर्ज किया मामला
घटना की जानकारी मिलने पर सीएसपी आकाश शुक्ला ने अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बेहतर इलाज के निर्देश दिए। रुपेश की मृत्यु के बाद चक्रधरनगर पुलिस ने आरोपियों अरुण मिश्रा, संतोष मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ IPC की धाराएं 333, 308, 75 और 306 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें रिमांड पर जेल भेज दिया है।
सामाजिक चिंता का विषय बनी सूदखोरी
यह घटना एक बार फिर सामने लाकर खड़ा करती है कि कैसे सूदखोरी सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न का कारण भी बन रही है। रुपेश की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और इस दिशा में कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही जा रही है।