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एपेक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर, रायगढ़ में IAP के तत्वावधान में आयोजित हुआ “नवजात पुनर्जीवन प्रशिक्षण कार्यक्रम”

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रायगढ़ । एपेक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर, रायगढ़ में इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) के तत्वावधान में नवजात पुनर्जीवन कार्यक्रम (Newborn Resuscitation Program – NRP) का एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों को नवजात शिशुओं की आपातकालीन स्थिति में जीवनरक्षक तकनीकों और प्राथमिक उपचार कौशल में दक्ष बनाना था।

आयोजन की प्रमुख पहल:
इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. मनोज गोयल एवं डॉ. रश्मि गोयल (संस्थापक एवं संचालक, एपेक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर) तथा डॉ. चंद्रशेखर सिदार (विभागाध्यक्ष, बाल्य एवं शिशुरोग विभाग) के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत सरस्वती पूजन के साथ हुई, जिसमें अतिथि प्रशिक्षकगण भी उपस्थित रहे।

प्रशिक्षण का संचालन एवं मार्गदर्शन:
प्रशिक्षण सत्र की पाठ्यक्रम समन्वयक रहीं डॉ. माला चौधरी (परामर्शदाता, बाल्य चिकित्सा एवं नवजात विज्ञान, जेएलएनएचआरसी, भिलाई), जिन्होंने पूरे कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के प्रत्येक चरण में विस्तृत एवं व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया।

प्रमुख विशेषज्ञों का सहभाग:
प्रशिक्षण में विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के रूप में डॉ. अमर सिंह ठाकुर (बिलासपुर) एवं डॉ. संतोष मोटवानी (स्टार चिल्ड्रन हॉस्पिटल, बिलासपुर) ने भाग लिया। उन्होंने नवजात पुनर्जीवन से संबंधित नवीनतम तकनीकों और वास्तविक परिदृश्यों पर आधारित अनुभव साझा किए, जिससे प्रतिभागियों को व्यावहारिक समझ में गहराई प्राप्त हुई।

प्रमुख विषय – “पहला गोल्डन मिनट”
कार्यक्रम का केन्द्रीय विषय था “FIRST GOLDEN MINUTE PROJECT”, जो नवजात शिशु के जन्म के पहले 60 सेकंड को ‘जीवनदायी क्षण’ के रूप में रेखांकित करता है। विशेषज्ञों ने बताया कि यदि इस समय के भीतर उचित चिकित्सकीय हस्तक्षेप किया जाए, तो कई नवजात जिंदगियों को बचाया जा सकता है।

व्यापक भागीदारी और प्रशिक्षण:
इस सत्र में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के डॉक्टरों, नर्सों एवं स्वास्थ्यकर्मियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों को नवजात की श्वास, हृदय गति, त्वचा की रंगत और प्रतिक्रिया के आकलन से लेकर प्राथमिक पुनर्जीवन तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी गई।

सकारात्मक प्रभाव और सराहना:
इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम, क्षेत्रीय स्तर पर नवजात शिशु मृत्यु दर को घटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं। आयोजन के समापन पर सभी विशेषज्ञ प्रशिक्षकों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया, जिनके सक्रिय सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हुआ।

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