छत्तीसगढ़

1 नवम्बर से चालू और62 दिन ज्यादा धान खरीदी इस साल-अनिल चिकूभूपेश सरकार दीवाली हेतु किसानों को 17अक्टूबर को देगी 2640 तीसरी किश्त :-अनिल चिकू

सिंहघोष/रायगढ़.14.10.22.देश में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ के विकसित होने के लिय वर्तमान कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने किसानो,मजदूरों,और छत्तीसगढ़ के निवासियों के हित में बेहिचक फैसले लिया जिससे छत्तीसगढ़ प्रदेश रोज नए कीर्तिमान बना रही है। कांग्रेस नेता अनिल चिकू ने बताया कि जनहित में लिये गए फैसले में किसानों के लिये 24 अक्टूबर को आने वाली दीवाली का यह त्योहार हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है इसको देखते हुये हम सबके मुखिया आदरणीय भूपेश बघेल जी ने फैसला लिया कि राजीव किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त और गोधन न्याय योजना का पैसा इस बार दिवाली के एक सप्ताह पहले ही दोनों योजनाओं से जुड़े हितग्राहियों के खाते में पैसे डाल दिए जाएं। किसानों के लिये हर वख्त खड़े रहने वाले अनिल चिकू ने बताया कि दोनों योजनाओं में लगभग 1800 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है जिसमें गोबर विक्रेताओं,महिला स्व सहायता समुहों व गौठान समितियों को लगभग 8.13 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है। जिससे पूरी दिवाली में बाजार में रौनक के साथ साथ सभी हितग्राही परिवारों की दीपावली बड़ी धूमधाम से मनेगी। इसी प्रकार इस बार किसानों का धान खरीदी हेतु पंजीयन 31 अक्टूबर तक चलेगा और इस वर्ष रिकॉर्ड लगभग पूरे प्रदेश में 25 लाख किसानों का धान बिक्री हेतु पंजीयन होगा और ठीक राज्य निर्माण के दिन 1 नवम्बर से धान खरीदी की छत्तीसगढ़ प्रदेश में शुरुआत होगी। किसानों के हितचिंतक अनिल चिकू ने कहा कि किसान का दर्द एक किसान ही जानता है और इसी कारण लगातार किसान हित के फैसले लिए जा रहे है।जिसका परिणाम है कि इस वर्ष धान खरीद 31 जनवरी तक चलेगी याने कुल 62 कार्य दिवस में धान खरीदी होगी जो कि पिछले वर्ष मात्र 45 दिन थी और इस बार रिकॉर्ड तोड़ एक करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद भी अनुमानित हैं और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि मिला कर इस वर्ष किसानों को 2640 रुपये प्रति क्विंटल धान का मूल्य प्राप्त होगा जो कि पूरे भारत देश में अपने आप मे एक बड़ा कीर्ति मान होगा। कांग्रेस नेता अनिल चिकू ने बताया कि इसी प्रकार रायगढ़ जिले में भी इस वर्ष पंजीकृत किसानों की संख्या1लाख 30 हजार के आस पास पहुंचने के आसार है और कृषि व राजस्व अधिकारियों से भी अनुरोध किया कि पहले गिरदावरी फिर उसके बाद फसल कटाई प्रयोग में भी भारी सावधानी बरतें ताकि किसानों को किसी प्रकार की कोई भी समस्या का सामना न करना पड़े जैसा पिछले वर्ष फसल बीमा लेते समय हुआ था। साथ ही धान उड़ीसा से ना आ पाए इस हेतु भी सतत निगरानी आवश्यक है ताकि वाजिब किसानों के ही धान की बिक्री समर्थन मूल्य में छत्तीसगढ़ी में हो और यहां का किसान खुशहाल बने।

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