कोरोना की इस लड़ाई में मनोबल और सकारात्मक सोच से जीत सम्भव- संजय शर्मा(युवा पत्रकार)

सिंहघोष/रायगढ़- विश्ववयापी नोबेल कोरोना वायरस से आज पूरा देश प्रदेश दहशत में है, लेकिन यदि हम सब ठान ले कि इस वायरस से हम जीत सकते है, तो उसके लिए हम सबको एक होकर केवल कुछ दिनों के लिए इसकी चैन को तोड़ना है, जिसके लिए हमको शासन – प्रशासन के गाईड लाइन को ध्यान ने रखकर कुछ दिनों के लिए हम सबको घर मे रहना है,और किसी तरह इस भयावाह बीमारी से जीत हासिल करनी है,
लेकिन कुछ लोगो मे एक कमी होती है हम उसे कमी या हमारा ईगो बोल सकते है, लेकिन ऐसे लोग भी इस दुनिया मे है जिनके अंदर बहुत बड़ी समस्या होती है और वह समस्या है “ईगो” लेकिन हमें फिलहाल न तो इस समय अपने अंदर घमण्ड लाना है और न ही उत्तेजित होना है,
मेरा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से एक विनम्र आग्रह है, की जिस तरह न्यूज़ चैनल समाचार प्रकाशित करते है, उसे इस तरह प्रकाशित करें, जिससे लोगों के अंदर डर न हो सके क्योकि जिस तरह न्यूज़ चैनलों में दिखाता है, उससे इन्शान के अंदर वही बात दिमाग मे घूमने लगती है, इसलिए अपनी TRP के लिए इस तरह से खबर न चलाये जिससे लोगो के दिलो में दहशत का माहौल बने।
एक बात और यदि हम व्यवस्था की बात करे तो आप खुद सोचिये की आंकड़ा प्रतिदिन इस तरह बढ़ रहा है, जिसे मैनेज करने हर सम्भव प्रयास प्रशासन कर रहा है, मै खुद एक सोशल वर्कर होकर प्रतिदिन किसी तरह लोगो को समझाईस देने की कोशिश करता हूं कि- आप घर पर रहे जितना हो सके बाहर न निकले, क्योकि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही ज्यादा भयावह हो रही है, मै लोगो से एक विनती निवेदन करूँगा की हमे केवल इस भयावह बीमारी से जितने के लिये खुद से जितना है और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना है और अपना मनोबल बनाये रखना है जिससे इस बीमारी को हराया जा सकता है।
एक संकल्प कुछ फर्ज हम सभी का,,,
आओ मिलकर लड़ाई लड़े और केवल कुछ दिनों के लिए शासन प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चले फिर देखिए जीत हासिल कैसे होती है, यह समय राजनीति,कुटनीति का नही सिर्फ और सिर्फ मनोबल के साथ इस विश्ववयापी वायरस से लड़कर जीत हासिल करना है,
क्योकि रास्ते कितने भी कठिन हो हमेशा पैरो के नीचे होते है…