रेपो रेट में 0.50% की कटौती, होम लोन और EMI में राहत, रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी की उम्मीद

नई दिल्ली । भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में बड़ा निर्णय लेते हुए रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है। इस कटौती के बाद नई रेपो दर 5.50% हो गई है, जो पहले 6.00% थी। यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है, जिससे आम उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। रेपो रेट में कटौती का अर्थ है कि बैंक अब RBI से सस्ती दरों पर पैसा उधार ले सकते हैं, जिससे वे ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करा सकते हैं।
लोन और EMI होंगे सस्ते
रेपो रेट घटने का सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर पड़ता है। इससे लोन की ब्याज दरें कम होंगी और EMI घटेगी, जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ कम होगा। वित्तीय जानकारों के अनुसार, यह कदम न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत देगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा।
रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी रफ्तार
कम ब्याज दरों के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में मांग बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेष रूप से मध्यम वर्ग और फर्स्ट-टाइम होमबायर्स के लिए यह समय घर खरीदने के लिए बेहद अनुकूल माना जा रहा है। बिल्डर्स भी इस अवसर का लाभ उठाने के लिए आकर्षक छूट और ऑफर पेश कर रहे हैं।
होमबायर्स के लिए सुझाव:
1. नई खरीदारी पर विचार करें – अब घर खरीदना पहले से अधिक किफायती हो सकता है।
2. बैलेंस ट्रांसफर पर गौर करें – यदि आपके मौजूदा लोन की ब्याज दर अधिक है, तो कम दर वाले बैंक में लोन ट्रांसफर कर सकते हैं।
3. ब्याज दरों की तुलना करें – विभिन्न बैंकों की लोन दरें अलग-अलग होती हैं, इसलिए निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह तुलना करें।
RBI का यह निर्णय उपभोक्ताओं के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है। सस्ती EMI, बढ़ी हुई क्रय शक्ति और रियल एस्टेट में बढ़ती रुचि के चलते निकट भविष्य में आर्थिक विकास को नया बल मिलने की संभावना है। यदि आप घर खरीदने या लोन लेने का इंतजार कर रहे थे, तो यह उपयुक्त समय हो सकता है कदम बढ़ाने का।