अर्धसैनिक बलों के कई संगठनों ने आई जी के बयान को लेकर मोर्चा खोला और माफ़ी मांगने की अपील की…
नितिन सिन्हा की रिपोर्ट🖋️
नई-दिल्ली – हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा और उसकी शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 24 घण्टे देश में करीब 10 लाख अर्धसैनिक पूरी जांबाजी और दिलेरी से सेवा देते है. इन अर्धसैनिक बलों में देश के कई अलग—अलग फोर्स के जवान शामिल होते हैं. इनमें मुख्य रूप से लोग crpf और BSF को जानते है. इसके अलावा ITBP, CISF, Assam Rifles और SSB भी देश के बेहद जिम्मेदार अर्धसैनिक बल में आते हैं।
इन अर्धसैनिक बलों के द्वारा देश की आंतरिक चुनौतियों के अलावा पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देश से लगी हजारों किमी लम्बी बेहद असमान्य और विविधताओं से भरी सीमाओं की चौकस सुरक्षा की जाती हैं।।
वहीं देश के तमाम अर्धसैनिक बलों में सबसे पुरानी और बड़ी अर्धसैनिक संस्था का नाम सी आर पी एफ है।। जिसमें 230 बटालियन और करीब ढाई लाख जवान और अधिकारी निरन्तर सेवा दे रहे हैं।।
जानिए सी आर पी एफ क्या है.?
आम तौर पर द केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य / संघ शासित प्रदेशों की सहायता, कानून-व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है। यह क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में 27 जुलाई 1939 को अस्तित्व में आया था। भारतीय स्वतंत्रता के बाद यह 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू हो जाने पर यह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रूप में पहचाना जाने लगा है।।
यह बल 230 बटालियनों और विभिन्न अन्य प्रतिष्ठानों के साथ भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल माना जाता है।
हाल ही में सी आर पी एफ के जांबाज़ जवानो ने जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुए आतंकी हमले अपने तीन जवान खो दिए थे।।
अभी इस दुख को देश और बल दोनों भूला भी नही पाए थे कि जम्मू कश्मीर के नव नियुक्त आई जी विजय कुमार ने सी आर पी एफ बल को लेकर बेहद विवादित,आपत्ति पूर्ण और अपमान जनक बयान दिया है।। जिसे लेकर न केवल सी आर पी एफ बल्कि देश के दूसरे अर्धसैनिक बलों के अलावा देश के आम नागरिकों में भी बेहद नाराजगी देखी जा रही है।। वही आई जी के विवादित बयान को लेकर सीएपीएफ के पूर्व कर्मियों के सक्रिय संगठन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि या तो आई जी अपना बयान वापस लें या फिर इस विवादित बयान के लिए सी आर पी एफ के जवानो और अधिकारियों से माफी मांगे।। यदि वो ऐसा नही करते है तो कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन आईजी विजय कुमार के खिलाफ 20 जुलाई को जंतर-मंतर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करेगा।। इसे लेकर संगठन ने बाकायदा एक प्रेस नोट भी जारी किया है।।
आपके लोकप्रिय समाचार पत्र ब मिडिया के माध्यम से दिनांक 29 अप्रैल को डीजीपी काश्मीर द्वारा बारामूला काश्मीर में बुलाई गई थी जो कि राज्य में कानून व्यवस्था,दहशतगर्दो के खिलाफ अभियानों में तेजी व कोविड-19 से निपटने में सुरक्षा बलों की भुमिका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। जिसमें जिला पुलिस कप्तानों , सुरक्षा बलों के कमांडेंट व अन्य सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद थे।

महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान आईजी काश्मीर विजय कुमार द्वारा फोर्स के बारे में यह कहा गया कि सीआरपीएफ काम ठीक नहीं है।आईजी द्वारा ये बताया जाना कि मैं सीआरपीएफ में रहा हूं। ये विवादास्पद बयान उस समय पर आया जब अभी सीआरपीएफ के तीन व सेना के पांच जवानों के साँथ हंडवाड़ा में पिछले सप्ताह ही शहादत दी। अतः उनका बयान सर्वथा निंदनीय है।।
महासचिव रणबीर सिंह ने आईजी काश्मीर के गैरजिम्मेदाराना व भडकाऊ बयान की कड़े शब्दों में भर्त्सना की ओर कहा कि लगता है आईजी पाक- दहशतगर्दो की भाषा बोल रहे हैं । ये बयान ऐसे मौकों पर दिया गया जब सभी सुरक्षा बल पुरे तरह से दहशतगर्दो पर हावी हो रहे हैं। आईजी के तौर पर सीआरपीएफ में डेपुटेशन पर रहते हुए छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों में महान बल द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु उक्त आफिसर को चुनाव आयोग द्वारा पदक से सम्मानित किया गया था। मांग करते है कि सीआरपीएफ में सेवा रहते जितने भी सम्मान पदक मिले उनको तुरंत प्रभाव से वापस करें।

कॉनफैडरेसन आफ़ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से अनुरोध करते हैं कि आईजी विजय कुमार को निलंबित कर मामले की जांच एनआईए या सीबीआई से करवाई जाए। कहीं डीएसपी देवेंदर की तरह खाल में छिपा भेड़िया तो नहीं ?
हम याद दिलाना चाहेंगे जब राष्ट्र के हर गली मुहल्ले कस्बों शहरों में पुलवामा शहीदों के लिए दीप मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए ये सीआरपीएफ का ही नहीं उन 40 पुलवामा शहीदों के साथ पुरे राष्ट्र का अपमान है । ये सी आर पी एफ कमांडेंट प्रमोद कुमार की शहादत व जिंदा शहीद चेतन चीता का अपमान है। ये साढ़े तीन लाख से ज्यादा विश्व शांति रक्षक बल की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा कर क्या जवानों के मौराल पर असर पड़ेगा या इस निंदनीय बयान से दहशतगर्दों के हौसले में इजाफा होगा.
सीआरपीएफ जो कि पिछले 32 सालों से इस छद्म युद्ध में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं ओर इस दौरान सैकड़ों जवानों ने शहादतें दी हैं ।आज कोविड-19 के चलते काश्मीर के गरीब लोगों को मुफ्त राशन सामग्री, फेस मास्क व दवाइयां बांटने में सीआरपीएफ आम काश्मीरियों की मददगार साबित हो रही है।
महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि देश भर के हजारों पुर्व अर्धसैनिक बलों के परिवार आने वाली 20 जुलाई 2020 को आईजी काश्मीर के द्वारा फिरका परस्ती व आतंकवादियों जैसी भाषा वाले बयान के खिलाफ जंतर मंतर पर रोष प्रदर्शन करेंगे।
यही नही रणबीर सिंह अपने ट्विट में कहते है,कि..
*Ranbir Singh the voice *of Ardh Sanik@Ranbir_Crpf*
लौटा दिजिए उन ट्राफी ओर सराहना भरे खतों को
जो महान फोर्स
@crpfindia
में रहते हुए मिले।
आपके द्वारा कहे गए शब्दों से ३.५ लाख शांति रक्षक बल सीआरपीएफ के जवान व अधिकारी वर्ग आहत हैं।
रणबीर सिंह
महासचिव
कॉनफैडरेसन आफ़ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन
कॉन्टेक्ट नं 9968981467
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आइये जाने कौन है आई जी विजय कुमार
आई पी एस विजय कुमार 1997 बैच के अधिकारी हैं,जो कि जम्मू में एस. पी. पाणि की जगह यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।।
नए आई जी विजय कुमार को छत्तीसगढ़ से सात महीने पहले जम्मू-कश्मीर लाया गया था।
जहां वे छत्तीसगढ़ सेक्टर में सी आर पी एफ में आईजी रहे थे. कुमार ने 2018 में कई राज्य चुनावों के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति की ओर से चुनाव आयोग पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।। इसके अलावा उन्हें आतंकवाद-रोधी अभियानों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए केंद्र सरकार से तीन वीरता पदक भी दिए हैं और वे जम्मू-कश्मीर सरकार से भी वीरता पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.
इसके बावजूद एक इतने जिम्मेदार पुलिस अधिकारी का इस तरह गैर जिम्मेदराना बयान दिया जाना उनकी निम्न स्तरीय मानसिकता का परिचायक है।।