खबर प्रकाशन के 9 दिन बाद ‘पत्रिका’ समूह के पत्रकार आशुतोष मिश्रा पर FIR..? पत्रकारों में नाराजगी.. निंदा प्रस्ताव पारित..! अब राज्यपाल से होगी शिकायत..! पत्रकार का खुलासा.. खबर के बाद एसडीएम ऑफिस से आया था बुलावा..?? जानिए आज क्या हुआ इस मामले में.. पढ़ें पूरी खबर

सिंहघोष/ रायगढ़/लैलूँगा। इन दिनों कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन लगा हुआ है। आम जनता, जनप्रतिनिधि और मीडिया सभी अपने अपने स्तर पर इस महामारी से बचाव के लिए लगे हैं। इसी बीच 18 अप्रैल को पत्रिका समूह के दैनिक पत्रिका अखबार में छपे एक लेख को लेकर 9वे दिन 27 अप्रैल को लैलूंगा स्थानीय प्रशासन द्वारा पत्रकार अखिलेश मिश्रा पर गंभीर धाराओं की तहत मामला दर्ज करवाया।

देखा जाए तो इस खबर का शीर्षक था “लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे महुआ व्यापारी” इस खबर में बताया गया था कि समीप प्रांत उड़ीसा से जुड़े गांव से महुआ खरीद कर पसरा लगाकर बेचा जा रहा है। जिससे लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन हो रहा है और संक्रमण का खतरा हो सकता है। इस खबर में उन्होंने घटना का भी जिक्र किया था जिसमें महुवा से लदी ट्रक को थाने लाया तो गया मगर छोड़ दिया गया था। इसके साथ ही उन्होंने उड़ीसा बॉर्डर पर लगे बैरियर पर जाकर इस घटना की ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी और वहां उपस्थित स्टाफ से बात कर वहां की दशा बताई थी। जिसमें उल्लेख था उपस्थित स्टाफ को यहाँ क्या करना है, यह भी नहीं पता और गाड़ियों की इंट्री करने के लिए उनके पास रजिस्टर्ड भी नहीं थी। इस बाबत जानकारी उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक को दी थी। उनका वर्जन भी उन्होंने अपने इस लेख में छापा था।
इस खबर के दिन ही 18 अप्रैल को लैलूंगा TI द्वारा कार्रवाई की गई। जिसमें एक महुआ व्यापारी के ऊपर एफ आई आर दर्ज किया गया। मामला उच्च अधिकारी के संज्ञान में भी था। राष्ट्रीय समाचार पत्र में खबर भी चली थी। इसे खबर का असर भी कह सकते हैं मगर घटना के 8 दिन बाद इसका दूसरा ही असर सामने आया और वह पत्रकार जिसने घटना की पूरी रिपोर्टिंग की थी। उस पर स्थानीय प्रशासन के शिकायत पर सरकारी काम में बाधा के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया। अपनी शिकायत में अधिकारियों ने 18 अप्रैल की हुई कार्रवाई का भी जिक्र किया है।

इसके साथ ही इस खबर की स्क्रीनशॉट देकर पत्रकार द्वारा कही हुई एक बात का भी हवाला दिया गया था।

खबर के बाद पत्रकार को एसडीएम ऑफिस में बुलावा
पत्रकार आशुतोष मिश्रा ने बताया कि खबर में वाहनों की धरपकड़ कर उन्हें छोड़े जाने का उल्लेख किए जाने से बौखलाकर तहसीलदार द्वारा पत्रकार को एसडीएम आफिस बुलाकर काफी खरी खोटी सुनाई थी, जबकि 15 अप्रैल को अवैध महुवे से लदा एक वाहन थाने तक लाकर उसे बिना किसी कार्यवाही के छोड़ दिया गया था।
बहरहाल इस मामले कांग्रेस आईटी सेल के अध्यक्ष जीतू के व्हाट्सएप ग्रुप में दिए गए कमेंट को लेकर और पत्रकार की इस खबर का हवाला देते हुए लैलूंगा थाने में अधिकारियों द्वारा शिकायत की गई थी और दोनों के ऊपर एफ आई आर दर्ज हुई। स्थानीय पत्रकार मानते हैं कि ख़बर लेकर स्थानीय नेता के द्वारा किए गए कमेंट की आड़ में पत्रकार को ही निशाना बनाकर उसके खिलाफ दर्ज की गई। दरअसल जीतू द्वारा की गई पोस्ट पर पत्रकार आशुतोष मिश्रा द्वारा कमेंट किया गया था। जिसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए लिखा था कि
“और जनप्रतिनिधियों का क्या?? उन्हें क्या इन सब की जानकारी नहीं है। फिर वह क्यों चुप्पी साध कर तमाशा देख रहे हैं। मुख्यालय में जो तमाशा चल रहा है ना उससे सीधे सीधे सरकार की छवि धूमिल हो रही है।“

स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई शिकायत में उनके इस कमेंट को भी आधार बनाया गया है। हालांकि इसमें पत्रकार का कहना है कि उन्होंने कहीं भी अपनी इस कथन में अधिकारियों को लेकर कुछ नहीं कहा। जो कुछ कहा जनप्रतिनिधियों को लेकर.. मगर अधिकारियों द्वारा इस पर भी आपत्ति जताए जाना और इसे आधार बनाना कुछ और ही इशारा करता है। उन्होंने यह भी पता है कि तहसीलदार द्वारा खबर को लेकर पहले भी मनमुटाव की स्थिति हुई है, उन्हें कतई भी आभास नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है। फिलहाल एफआईआर के बाद पूरे जिले के पत्रकारों में रोष व्यपात है और उनके द्वारा कड़े शब्दों में इसकी निंदा की जा रही है। प्रेस क्लब लैलूंगा द्वारा इसके लिए निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया है।

प्रेस क्लब लैलूंगा द्वारा इसके लिए निंदा प्रस्ताव भी पारित, पत्रकारों ने जताई गहरी नाराजगी
पत्रकार आशुतोष मिश्रा पर हुए एफआईआर पर लैलूंगा के सभी पत्रकारों ने नाराजगी जाहिर करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया साथ ही जांच कर उचित कार्यवाही की मांग भी की है। इसके लिए आज वर्चुअल बैठक में निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
जिला कलेक्टर और एसपी से की जाएगी निष्पक्ष जांच की मांग
समस्त पत्रकारों के द्वारा कान्फ्रेस कॉल के माध्यम से चर्चा कर इसका विरोध करने का निर्णय लिया गया। जिसमे आशुतोष मिश्रा पर हुए एफआईआर को एक पक्षीय कार्यवाही मानते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही इस कार्यवाही पर पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर महोदय से चर्चा कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग का निर्णय लिया गया। जिसकी प्रतिलिपि महामहिम राज्यपाल, आई जी बिलासपुर रेंज, कलेक्टर रायगढ़, पुलिस अधीक्षक रायगढ़ के साथ जिला प्रेस एसोसिएशन एवम् प्रेस क्लब रायगढ़ को भी भेजा जाएगा। जिनके मार्गदर्शन में अग्रिम रणनीति तैयार की जाएगी। इस निर्णय में लैलूंगा के सभी वरिष्ट पत्रकार शामिल रहे ।