कोरोना काल मे आर्थिक संकट से जूझ रहे पत्रकारों की मदद करे सरकार– नवरतन शर्मा (जिलाध्यक्ष-अख़िल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति रायगढ़)

सिंहघोष/रायगढ़-कोविड की खतरनाक सेकेंड वेब के दौर में प्रदेश में बीते 50 दिनों से कम्प्लीट लाकडाउन लगा हुआ है।लाकडाउन के इस कठिन समय में समाज का एक बड़ा वर्ग गम्भीर आर्थिक समश्या से जूझ रहा है। प्रदेश में पत्रकारिता के पेशे से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति भी अब खराब होने लगी है। कई संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों को या तो घर बिठा दिया गया है या उनके सामने आधे वेतन में काम करने की शर्ते रखी गई है। जबकि प्रदेश में स्वतंत्र और आंचलिक पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब हो चुकी है। ऐसे में प्रदेश की सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी जिसके अधिकांस कार्यकर्ता अपनी सरकार को पत्रकार हितैषी बताते नही थकते है। उनके अनुसार राज्य सरकार ने इस वजह से राज्य के काम कर रहे पत्रकारों को फ़्रंट लाइन कोरोना वारियर माना है।
ऐसे में राज्य में बीते एक साल से जारी कोरोना संकट में लगातार बिगड़ती पत्रकारों की आर्थिक स्थिति को लेकर क्या जरूरतमंद पत्रकारों की आर्थिक सहायता के लिए सरकार या उसके तंत्र को सामने नही आना चाहिए.? इस विषय को लेकर रायगढ़ जिला इकाई (अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति) के सदस्य पत्रकारों ने कोविड नियमों का पालन करते हुए कल जिला कलेक्टर के नाम उनके कार्यालय पहुंचकर उन्हें लिखित ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के साथ पत्रकारों ने कलेक्टर रायगढ़ को जरुरतमन्द पत्रकारों की एक सूची भी प्रेषित की । ज्ञापन में पत्रकारों ने जिले के संवेदनशील युवा कलेक्टर भीम सिंह से मांग की कि वे अविलंब आर्थिक संकट से गुजर रहे जिले के पत्रकारों की मदद करने सामने आये।
समिति के जिला अध्यक्ष नवरतन शर्मा कहते है कि- पत्रकार हितैषी भुपेश सरकार को पहले ही बिना बोले इस विषय पर अमल करना था,क्योंकि मुखिया खुद ग्रामीण परिवेश से जुड़े व्यक्ति है उनसे राज्य के आँचलीक और स्वत्रंत पत्रकारों की आर्थिक स्थिति छुपी नही है। फिर भी इन कठिन हालात में मुखिया के पहल की लंबी प्रतीक्षा करने के बाद अंततः हमे सामने आना ही पड़ा। हालांकि इस विषय मे ज्ञापन सौंपने के पूर्व हमारे सदस्यों ने मुख्यमंत्री के सलाहकार और वरिष्ठ पत्रकार रुचिर गर्ग जी से टेलिफोनिक चर्चा की थी। उन्होंने आस्वस्त किया था कि वे इस सम्बंध में मुख्यमंत्री जी से बात कर अवगत करेंगे,सम्भव हुआ तो जल्दी ही राज्य सरकार के द्वारा पत्रकारों की सहायता के लिए सुरक्षित रखे जाने वाली निधी “पत्रकार कल्याण कोष” से आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकारों के मदद की पहल की जाएगी।