रायगढ़

कांग्रेस महिला अध्यक्ष व महिला पार्षद के झगड़े की असली वजह की जानकारी उगलेगा सीसीटीवी…। जांच करेगा कौन ? और करवाएगा कौन..??

सिंहघोष/ रायगढ़-10.01.21-रायगढ़ नगर निगम आज सुर्खियों में है। सुर्ख़ियों की वजह कांग्रेस महिला नेताओं की आपसी रंजिश है। यहां कांग्रेस की दो महिला नेत्रीया, सभापति के केबिन में आपस में ही भीड़ पड़ी। इनमें से एक कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष तो वहीं दूसरी कांग्रेसी पार्षद। झगड़े में शब्दों की सारी मर्यादा लांग दी गई। जमकर गाली-गलौज हुई। मां बहन की गंदी गंदी गालियां दी गई। आज के सोशल मीडिया के जमाने में इस बात को फैलते देर नहीं लगी और यह वीडियो महज कुछ घंटों में जमकर वायरल हो गया।
फिलहाल इस मामले में कांग्रेस दो फाड़ हो गई है। कांग्रेस के पार्षद अपने ही कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। खबर लिखे जाने तक कांग्रेसी पार्षदों का बैठक का दौर जारी है। दरअसल कांग्रेसी पार्षद संजना शर्मा और कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष बरखा सिंह की पुराना बैर है, चाहे वह पार्षद टिकट की बात हो या फिर जिला अध्यक्ष पद का चुनाव। आज का पूरा बखेड़ा इसी पुरानी रंजिश का नतीजा है। दरअसल वार्ड नंबर 26 अतरमुडा क्षेत्र में मंगल भवन के पीछे सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा था। मीडिया में यह बात जोर शोर से उठी थी। जिसके बाद निगम अमला और आर आई, पटवारी की टीम आज कब्जा हटाने के लिए वहां पहुंची थी। जहां वार्ड नंबर 27 की पार्षद संजना शर्मा भी मौके पर मौजूद थी। तोड़ू दस्ता की टीम को महिला कांग्रेस अध्यक्ष के एक निर्माण के बारे में ऑन द स्पॉट शिकायत की गई। जिसके बाद निगम का यह दस्ता महिला कांग्रेस अध्यक्ष बरखा सिंह के घर, जो कि वार्ड नंबर 26 में स्थित है। वहां जाकर इस बारे में पूछताछ किया और पंचनामा की कार्रवाई की गई।

इस बारे में बरखा सिंह का कहना है कि उनके ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है और यह सारी कार्यवाही वार्ड नंबर 27 की पार्षद संजना शर्मा के इशारे पर हुई है। इस बारे में उन्होंने सभापति जयंत ठेठवार को भी बताया। सभापति ने उन्हें अपने नगर निगम ऑफिस में बुलाया और कहा कि दोनों को आमने सामने बैठकर बात सुलझाने की बात कही। इसी बीच पार्षद संजना शर्मा आग बबूला हो गई और उन्हें धक्का देकर गाली गलौज करने लगी। इसके बाद मेरी भी उनके साथ तू तू मैं मैं हो गई।

सोशल मीडिया में सिर्फ आधा वीडियो.. पूरी सच्चाई के लिए सभापति ऑफिस के सीसीटीवी की जांच कर ले- बरखा सिंह

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो जिसमें महिला कांग्रेस अध्यक्ष बरखा सिंह गाली गलौज करते हुए नजर आ रही हैं। उसके बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें साजिश के तहत इस मामले में फंसाया जा रहा है। जानबूझकर संजना शर्मा द्वारा मेरे साथ धक्का-मुक्की की, मुझे मां बहन की गंदी गंदी गालियां देने लगी। जिसके बाद यह सब कुछ हुआ और किसी ने सिर्फ दूसरे भाग को ही वायरल कर मुझे बदनाम करने की साजिश की है। सभापति जी के कक्ष में पूरी घटना घटित हुई है। जहां सीसीटीवी कैमरा भी है। उस फुटेज की शुरू से आखरी तक जांच कर लें। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
इस बारे में वार्ड नंबर 26 की पार्षद संजना शर्मा ने बताया कि आज निगम का दस्ता वार्ड नंबर 26 मंगल भवन के पीछे अवैध कब्जा हटाने के लिए गया हुआ था। मोहल्ले के पार्षद होने के नाते मै वहां पहुंची थी। वहां मैंने निगम दस्ता से इन्हें हटाने से पहले नोटिस के बारे में सवाल किया। जहां पर नियमों का हवाला देते हुए निगम दस्ते ने कब्जा हटाने की बात कही। इसके बाद मोहल्ले में हो रहे अन्य निर्माण के बारे में भी निगम में शिकायत की गई इसके बारे में पूछने पर मैंने निगम दस्ते को पूरी जानकारी दी। सभापति के कक्ष में हमारी मुलाकात हुई जहां उन्होंने मुझे मां बहन की गंदी गंदी गालियां दी मेरे साथ धक्का-मुक्की करने लगी सभापति ने बीच-बचाव कर मुझे बचाया।
घटना स्थल पर सीसीटीवी
बरखा सिंह के सीसीटीवी सीसीटीवी की जांच की बात पर उन्होंने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है बल्कि मेरे साथ गलत हुआ है। वहां पर सभापति के अलावा पार्षद प्रभात साहू, पार्षद आरिफ हुसैन और आशीष जायसवाल मौजूद थे। उन्होंने पूरी घटना को देखा है। सीसीटीवी की जांच कर ली जाए। सच सबके सामने आ जाएगा।
वार्ड पार्षद संजना शर्मा ने बताया कि इस बारे में रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल शुक्ला और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के के अध्यक्ष मोहन मरकाम से इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई जाएगी। इसमें 15 पार्षदों ने हस्ताक्षर कर सहमति दी है कल कुछ और पार्षद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे। इस घटना से मेरी प्रतिष्ठा और चरित्र का हनन हुआ है। जिला कांग्रेस महिला अध्यक्ष के पद से बरका सिंह की बर्खास्तगी की मांग पार्टी आलाकमान से की जाएगी।

चलते चलते–

वैसे देखा जाए तो रायगढ़ नगर निगम में कांग्रेस का कब्जा है और जब से कांग्रेस का कब्जा हुआ है, तब से निगम में कांग्रेस में दो फाड़ की खबरें हमेशा चर्चा में रही हैं। कांग्रेस को कभी विपक्ष की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन इस पूरे मामले ने एक बार फिर से कांग्रेसियों के आपसी युद्ध को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है और इस बार तो शब्दों की और पद की मर्यादा भी लांघी गई है। वैसे राजनीतिक बाजार में यह सवाल काफी जोर से चर्चा में है कि घटनास्थल पर जब सारे कांग्रेसी ही थे, जगह भी कांग्रेस की थी, तो कांग्रेस को बदनाम करने वाला यह वीडियो आखिर बाहर कैसे आया…? दूसरी एक और बात सामने आ रही है। दोनों ही पक्षों ने अपने आप को निर्दोष बताते हुए सीसीटीवी फुटेज को अहम सबूत माना है। सीसीटीवी वह भी सभापति के कक्ष का..! फिलहाल इस बारे में कोई पुलिस से शिकायत करने को तैयार नहीं है। ऐसे में बड़ी बात यह होती है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगा तो करेगा कौन..?

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