
रसूख के आगे पुलिस विभाग लाचार,राजस्व विभाग हुआ लकवाग्रस्त….।।
सिंहघोष/बिलासपुर:-23.09.22. भोदुदास,नटवरलाल और अब रसूखदार भूमाफिया नवल शर्मा चाहे जितने नाम से नवाज़ ले। मोपका चिल्हाटी की तरह लिंगियाडीह में भी सरकारी जमीन बेचने का जिन्न बोतल से बाहर आगया है और इस बार जिन्न नवल शर्मा के रूप में बाहर आया है।
जानकारी के अनुसार कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने जमीन माफिया के खिलाफ अपराध तो दर्ज किया। लेकिन आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है और न ही उसे गिरफ्तार कर पाई।
मामला 2016 का,जाने है क्या
मामला बिलासपुर के लिंगियाडीह का है जहां सरकारी जमीनों के बंदरबाट का मामला सामने आया है। रसूखदार भूमाफिया नवल शर्मा द्वारा रकबे से ज्यादा जमीन को बेचने का मामला सामने आया है। मामला लिंगियाडीह के खसरा नम्बर 18/63 मूल रकबा 1.90 एकड़ से 0.71 एकड़ ज्यादा भूमि बेच दिया जिसे लेकर प्रार्थी राजेश माखीजा ने कलेक्टर से लेकर तहसीलदार तक शिकायत की पर कोई कार्यवाही नही हुई?
पुलिस की कार्यवाही संदेह के घेरे में … कौन बचा रहा है एक और भोंदू दास नवल शर्मा को
प्रार्थी थाने दर थाने भटकता रहा पर प्रार्थी की फरियाद नही सुनी गई। प्रार्थी मजबूर होकर माननीय न्यायालय के शरण मे गया और परिवाद के माध्यम से माननीय न्यायालय ने धारा 156बी भादवि के तहत पुलिस को एफआईआर दर्ज करनें का निर्देश जारी किया।
सिविल लाइन पुलिस द्वारा नवल शर्मा के नाम पर सिविल लाइन थाने में 420,467,468,471 व 120 बी के तहत 2016 से अपराध पंजीबध कर लिया गया पर मामले के छः साल गुजर जाने के बाद भी रसूखदार भूमाफिया नवल शर्मा खुलेआम आज भी जमीन की खरीद बिक्री करता मजे से घूम रहा है।
इंतहा की हद जब पार होगई जब रसूखदार भूमाफिया के ऊंचे रसूख और दबाव के आगे पुलिस ने 2017 में मामला ही बंद कर दिया।
सवाल यह उठता है कि आखिर कौन है जो रसूखदार भूमाफिया नवल शर्मा को बचा रहा है ।
आप पुनः 2018 में पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश में फ़ाइल पुनः खोली गई है।
अब पुलिस से इंतजार है पुख्ता कार्यवाही करें।
राजस्व विभाग हुआ लकवाग्रस्त…..
आखिर वो कौन है? किसका प्रभाव है ? जिसके सामने राजस्व विभाग इस रसूखदार भूमाफिया के सामने लकवाग्रस्त हो गई है?
बीते छः सालों में पुलिस कार्यलय द्वारा तहसीलदार को अनेकों खत लिखे की केस(प्रकरण) से सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध कराया जाय पर आज तक तत्कालीक और न ही तत्कालीन तहसीलदार द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराया गया।
मजबूर होकर थाना सिविल को पुलिस अधीक्षक के समक्ष गुहार लगानी पड़ी की माननीय दंडाधिकारी को पत्र लिखे की माननीय दंडाधिकारी अपने अधिनिस्त विभाग को निर्देशित करें कि प्रकरण से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए।
माननीय दंडाधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक द्वारा लिखे पत्र को संज्ञान में लेते हुए तात्कालिक तहसीलदार को निर्देशित किया उसके बाद भी रसूखदार भूमाफिया के ऊंचे रसूख के सामने जैसे पूरा राजस्व विभाग लकवाग्रस्त हो गया हो पुलिस को जांच में सहयोग नही कर रहा है ।
जांच अधिकारी धर्मेंद्र वैष्णव का कहना-:
सिविल लाइन थाना एस.आई एवं जांच अधिकारी धर्मेन्द्र वैष्णव का कहना है कि हमने राजस्व अधिकारियों से पेपर मांगे जो अभी तक उन्होंने उपलब्ध नही कराए है फिर भी हमारी तरफ से जांच चल रही है जल्द कार्यवाही की जाएगी।