क्या चलने से पहले ही डूबने को तैयार “aap”..?? राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ संदीप पाठक कि निकाली जाएगी अर्थी…।।

सिंहघोष/ रायगढ़-27.10.23- वर्ष 2023 शुरुआत से ही आम आदमी पार्टी पूरे छत्तीसगढ़ में अपने आप को मजबूत और स्थापित करने के लिए जमीन स्तर पर लगी रही जिसमें सभी जिलों पर जिला अध्यक्षों की नियुक्ति व जमीन स्तर के कार्यकर्ताओं को जोड़कर आम लोगों के बीच इस बार छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने के सुहाने सपने दिखाए गए। वर्तमान में टिकट वितरण के ठीक बाद आम आदमी पार्टी में जबरदस्त विद्रोह नजर आ रहा है इसी क्रम में आम आदमी पार्टी से रुष्ट जिलाअध्यक्ष व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रेस वार्ता कर संदीप झा के लिए पोल खोल,भंडाफोड़ जैसे आंदोलन करने का ऐलान किया है उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि
- प्रेस वार्ता बिलासपुर
दिनांक: 28 अक्टूबर,2023
स्थान: बिलासपुर प्रेस क्लब
दिन: शनिवार
समय :1बजे - रायपुर में प्रेस वार्ता
31 अक्टूबर 2023
प्रेस क्लब रायपुर - प्रेस वार्ता
प्रत्येक जिला मुख्यालय
2 नवंबर 2023
प्रेस क्लब जिला कार्यालय - प्रेस वार्ता
प्रत्येक विधानसभा
3 नवंबर 2023
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आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ का होगा भंडाफोड़…
छत्तीसगढ़ को बेच रहे नेताओं के कुकर्म.. और कुकृत्यों.. का होगा पर्दाफाश.. करेंगे बेनकाब…
🙏🙏अपने देश और राज्य की आन बान- शान- सम्मान – स्वाभिमान और अस्मिता की रक्षा करने,आम आदमी पार्टी को डूबने से बचाने तथा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के सम्मान की रक्षा के लिए पार्टी के सभी नए पुराने क्रांतिकारी न्याय प्रिय पदाधिकारी और कार्यकर्तागण सादर आमंत्रित हैं..🙏🙏
💥पार्टी के प्रथम गुनहगार: राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ संदीप पाठक जी के गांव “बटहा” जिला मुंगेली से निकाली जाएगी अर्थी.. प्रदेश के कोने कोने में होगा पुतला दहन..
💥पार्टी के दूसरे गुनहगार: प्रदेश प्रभारी संजीव झा का होगा पुरजोर विरोध..छत्तीसगढ़ आने पर लगाएंगे गो बैक के नारे..
💥छत्तीसगढ़ की अस्मिता से नहीं करने देंगे खिलवाड़… छत्तीसगढ़ के भोले भाले कार्यकर्ताओं को दिलाएंगे न्याय.. लूटने न देंगे उनके पसीने की कमाई..बचाएंगे लूटने से छत्तीसगढ़ को..
💥पार्टी के दोनों दोषी डॉ संदीप पाठक राज्यसभा सांसद,राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं संजीव झा विधायक दिल्ली एवं प्रभारी छत्तीसगढ़ के कुकर्मों का होगा पर्दाफाश…
टिकट खरीदी बिक्री का होगा पर्दाफाश..
💥 पार्टी ने कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के विश्वास और खून पसीने और पैसे का घोटा गला..ठगे गए कार्यकर्ता..
👉💥डॉक्टर संदीप पाठक सांसद एवम राष्ट्रीय संगठन मंत्री के नाम से सारे विधानसभा में 5- 5 लाख लेने की ऑडियो हुई लीक..
💥चुनाव आयोग व अन्य एजेंसियों से करेंगे जांच की मांग
💥चंद्रपुर सीट पर हुए बीस लाख रूपये की लेनदेन का होगा खुलासा…
💥अंबेडकर और भगत सिंह को आदर्श बताने वाली पार्टी छत्तीसगढ़ में होने वाले कार्यक्रमों में दोनों महापुरुषों की फोटो हटाकर करती है अपमान..
💥सादगी और भ्रष्टाचार के विरोध का नारा देने वाली और कट्टर ईमानदारी की सर्टिफिकेट बांटने वाली पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को लूटने में है लिप्त..
💥पाठक की टीम अर्थात पंजाब से भाड़े में लाए वर्कर्स करते हैं यहां दादागिरी.. भाड़े के टट्टुओं के सहारे ऐंठते हैं पैसे..
💥अन्ना आंदोलन के समय से जुड़े ईमानदार कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी को किनारे कर महीना भर पहले आए कार्यकर्ताओं को दिए गए टिकट..
💥भाड़े पर थोक में लाए पाठक की टीम करती है दादागिरी…
💥पाठक की टीम यानी की भाड़े से लाए गए LPOC (लोकसभा पॉइंट ऑफ कांटेक्ट),ZPOC (जोन पॉइंट ऑफ कांटेक्ट और SPOC (स्टेट पॉइंट ऑफ कांटेक्ट) इन सभी भाड़े के तत्वों के सामने प्रदेश स्तर जिला स्तर लोकसभा स्टार और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी की नहीं कोई औकात..
💥पाठक की टीम यानी की पैड वर्कर्स जब चाहे तब बिना किसी कारण के बिना किसी सलाह मशविरा के बिना किसी से पूछे करते हैं मनमानी उनके हिसाब से नहीं हुआ तो मिनटों में पद छीनकर करते हैं अपमान.. और कर देते हैं घर बैठने के लिए मजबूर..
💥केजरीवाल जी के पैरलर पूरे देश में पाठक की टीम नाम से नहीं बनाने देंगे अलग से कोई गुट…
💥राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री का पद हथियाकर देश भर में संगठन खड़ा करने का दंभ भरने वाले डॉ संदीप पाठक यहां के पदाधिकारी के साथ कैसे करते हैं बर्ताव होगा होगा बेनकाब….
आज तक किसी लोकसभा अध्यक्ष और किसी जिला अध्यक्ष से नहीं किए बात.. प्रदेश स्तर के तमाम पदाधिकारी की भी यही शिकायत कि वे आज तक किसी पदाधिकारी को देते नहीं तवज्जो….
डॉक्टर पाठक जी छत्तीसगढ़ में बिठाए अपने पैड वर्कर्स से ही करते हैं बात…बाकी किसी पदाधिकारी से नहीं..
विदित है कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी शुरू में बहुत ही मेहनत और लगन से ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए पार्टी को उत्तरोत्तर आगे बढ़ाने में लगे हुए थे।
परंतु जब से दिल्ली और पंजाब के लोगों को पाठक की टीम- पाठक की टीम कहकर प्रचारित प्रसारित किया गया,बेहतर कार्य करने की दुहाई दिया जाने लगा तो लगा कि सचमुच में पाठक की टीम छत्तीसगढ़ में चमत्कार पैदा कर देगी।
पाठक ने अपने सभा में कहा भी था कि मुझे आप लोग दो-तीन महीने का समय दे दीजिए और मैं आप लोगों को छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी की सरकार दे दूंगा।सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी पाठक जी की उक्त मीठी मीठी लच्छेदार और प्रोत्साहित करने वाली बातों से प्रभावित होकर दिन-रात मेहनत करने में जुट गए।
हुआ यूं कि पाठक की टीम आई और धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ में अपना पैर पसार ली और छत्तीसगढ़ के एक गांव के सदस्य से लेकर ब्लॉक अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, लोकसभा अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम पदाधिकारियो को अपने पैरों तले दबाकर छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के अधिकार को पूरी तरह कुचलकर सभी को नेतृत्व विहीन कर तबाह कर दिए,अपने पैरों तले कुचल दिए।
एक बूथ कमेटी से लेकर प्रदेश कमेटी तक के पदाधिकारियो एवं कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद कर स्थानीय पदाधिकारियो के बीच के संवाद को पूरी तरह नष्ट कर रख दिए।
गांव में निवास करने वाले एक सामान्य सदस्य भी डायरेक्ट पाठक की टीम से अपनी बात रखकर यह समझने लगे कि उनकी बात अब डायरेक्टर दिल्ली हो जा रही है तो मैं अपने ब्लॉक अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, लोकसभा अध्यक्ष से क्यों बात करूं? और करें भी क्यों जब पाठक की टीम यानी कि संदीप पाठक से बात पहुंचा देना। इस तरह जब सीधे हाई कमान तक उनकी बात हो जाती है तो जिले और लोकसभा स्तर के पदाधिकारियों की औकात ही क्या उनके सामने।
इस तरह स्थानीय स्तर पर जो लीडर्स तैयार होना था उसे पाठक की टीम ने पूरी तरह बर्बाद कर रख दिया। हम सब के बीच में आपसी सामंजस्य भाईचारा और एक विश्वास जो कायम था वह नष्ट हो गया।
कभी एक साथ बैठकर खाना खाने वाले दोस्त भी दुश्मन बनने लगे अपने दिल की बात कोई किसी से कहने से घबराने लगे, और किसी ने धोखे से भी कोई बात रख भी दी तो उसकी शिकायत LPOC, ZPOC और SPOC के माध्यम से सीधे दिल्ली दरबार तक पहुंचा देने में सफल हो गए ऐसा मानने लगे।
और यहीं से पार्टी के अंदर शुरू हुई गुटबाजी और अविश्वास की भावना।
पाठक की टीम छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियो को पूरी तरह से दबाकर रख दिए। प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों तक की एक न चली। जब बड़े पदाधिकारी की नहीं चली तो नीचे स्तर के पदाधिकारी की क्या औकात।
पाठक की टीम जो कह दी वह अंतिम सत्य है ,वह ब्रह्मा का लेखा है।कोई उसे लेख पर धोखे से भी टीका टिप्पणी करने की बात सपने में भी सोच ले तो उसे सीधे यमलोक पहुंचाने में जरा भी देर नहीं की जाती। चाहे आप 10 ,12 साल पुराने पदाधिकारी या कार्यकर्ता ही क्यों न हो, पाठक की टीम की बातों का अक्षरशः पालन ही अंतिम सत्य है।
कहते हैं कि पाठक जी अपनी टीम से दो बार, तीन बार फोन कॉलिंग से रिपोर्ट लेते हैं, बात करते हैं उनके पास इतना वक्त है.. परंतु अपने जिला अध्यक्ष, लोकसभा अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष या अन्य किसी पदाधिकारी से एक सेकंड के लिए बात करने का वक्त उनके पास नहीं है। वाह भई क्या बात है??
किसी सभा या प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार से उतर कर सीधे मंच पर आते हैं मंच में किसी स्थानी पदाधिकारियो से कोई विचार विमर्श, कोई सलाह, कोई दिशा निर्देश बिल्कुल भी नहीं करते। हां अपने दिल्ली पंजाब की टीम को इशारा कर अपने पास बुलाते हैं और जो निर्देश उन्हें देना है उन्हें दे देते हैं। अपने स्पीच के समाप्त होते ही स्टेज से नीचे उतरकर मीडिया वालों को बाइट देने संबंधी प्लान कभी नहीं भूलते इन सबकी पूर्व ही प्लान करवा लिए होते हैं। अपनी ब्रांडिंग अच्छी तरह से करते हैं मंच पर आते समय मेरे रंग दे बसंती चोला की देशभक्ति गीत और जाते समय मेरे रंग दे बसंती चोला की देशभक्ति गीत चलवाना कभी नहीं भूलते.. वाह भाई क्या कहना..
मीडिया बाइट के तुरंत बाद सीधे कार पर सवार होकर उड़ जाते हैं। कहां जाते हैं? किससे मिलते हैं आज तक किसी को पता नहीं ? यह राज,राज ही रह गया है।
मैने उन्हे कभी पलट कर धोखे से भी किसी स्थानीय पदाधिकारियो से बात करते नहीं देखा है। कितने सारे इवेंट हुए ,कार्यक्रम हुए पर आज तक कार्यक्रम के बाद कोई समीक्षा बैठक नहीं ली गई जो समझ से परे है।
साहब को इतनी बड़ी जवाबदारी इतने कम समय में और इतने कम उम्र में दी गई है। ऐसे स्थान की जवाबदारी दी गई है जो उनका अपना जन्म और कर्मभूमि है।
पाठक के गृह जिले के साथ बिलासपुर लोकसभा का अध्यक्ष रहा पर आज तक मुझसे कभी न कोई चीज पूछे, न सलाह लिए,न दिए और न कभी बात करने की ही जरूरत समझे।
एक दिन महिला विंग की लोकसभा स्तरीय बैठक बुलाई गई जिसमें तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे किसी ने कह दिया कि उस बैठक में पाठक को गाली दी गई और उसे मान भी लिए।
उस बैठक के पूर्व संतोष मेश्राम द्वारा टिकट देने के बदले पैसा लेने संबंधी ऑडियो वायरल किया गया था उसी बात की नाराजगी सभी पदाधिकारी ने व्यक्त की थी। सभी का कहना था कि इतना सब हो रहा है कोई पैरासूट न उतार दें। हम सब मिलकर एक पैनल बनाकर भेज देते हैं। इतनी सी बात थी कि पैनल बनाकर भेज दिया जाए जो पार्टी की संवैधानिक प्रक्रिया है। ऐसे पैनल बनाने का कार्य हर पार्टी द्वारा की जाती है। परंतु हमारे द्वारा न कोई पैनल बनाया गया और न ही दूसरे दिन कोई बैठक ली गई उक्त बैठक में पैनल बनाने की बात पाठक को इतनी नागवार गुजरी कि पंजाब के विधायक और छत्तीसगढ़ के सह प्रभारी गैरी बडिंग जी को भेजकर एक कर्मठ जुझारू और इमानदार लोकसभा अध्यक्ष को बिना किसी वजह से निकाल कर फेंक दिए।लोकसभा अध्यक्ष को चुनाव के एक महीना पहले ही हटाकर पाठक ने अपनी हठ धर्मिता और अहंकारी होने का परिचय दे दिए। इस हरकत से लोकसभा के तमाम पदाधिकारी हतप्रभ हैं, नाराज हैं, आक्रोशित हैं और इस आक्रोश का नतीजा आने वाले समय में संदीप पाठक जी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान देखने को मिलेगा। उनके गांव से ही उनके कुकृत्यो की अर्थी निकाल कर पुतला दहन कर, गो बैक के नारे बुलंद किया जाएगा।
पाठक को एहसास दिलाया जाएगा कि छत्तीसगढ़ के निवासियों के आत्म सम्मान के साथ खिलवाड़ का क्या परिणाम मिलता है।
👉 डॉक्टर संदीप पाठक की टीम का एक अहम किरदार मनमोहन सिंह है जो सारे षडयंत्रों के मुख्य किरदार है। मनमोहन सिंह के अंडर काम करने वाले सभी पैड वर्कर्स,उनके इशारों पर ही काम करते हैं, जब उनके नाक के नीचे उनके निर्देश पर काम करने वाले पैड वर्कर्स टिकट के बदले पैसे मांग रहे हैं तो इसके जिम्मेदार मनमोहन सिंह क्यों नहीं ????
💥आखिर मनमोहन सिंह को पाठक जी द्वारा क्यों संरक्षण दिया जा रहा है?? क्यों बचाया जा रहा है??
सबसे पहले छुट्टी तो उन्हीं की होनी चाहिए सबसे पहले तो उन्हीं के ऊपर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए पर वह तो बहुत ही मजे के साथ दूध में मक्खी की तरह पाठक जी के साथ चिपके हुए हैं।
यह बात कुछ हजम नहीं हो रही है। अगर उनके अंडर काम करने वाले टिकट के बदले पैसे मांगे तो LPOC, ZPOC पर ही कार्यवाही क्यों ????
SPOC मनमोहन सिंह पर कार्यवाही क्यों नहीं??????
👉 टिकट के बदले पैसे लेने की कई ऑडियो वायरल हुई जो एक गंभीर बात थी इससे पार्टी की छवि न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में तार तार हो गई इतनी बड़ी घटना के बाद भी उस पर जांच टीम पाठक जी द्वारा क्यों नहीं बैठाई गई???
आखिर टिकट के बदले लिए जा रहे पैसे किसके किसके हाथों में जाना था?? या उसके हिस्सेदार कौन-कौन थे??
किनके द्वारा दिए गए आश्वासन से टिकट के बदले पैसे लेने की बात की जा रही थी???
कहते हैं कि टिकट के बदले पैसा मांगने वालों के ऊपर ऐसी कार्यवाही की गई है कि उन्हें जीवन में कभी कोई नौकरी नहीं मिलेगी और वे जेल के सलाखों के पीछे हैं पर सुनने में यह भी आता है कि उनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, बल्कि उन्हें अन्य स्टेट में भेज कर उनसे यही कार्य करवाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी के का विश्वास कायम रखने उनके शंका समाधान के लिए पुलिस कार्रवाई की कॉपी दिखाई जानी चाहिए।
बिलासपुर में माननीय केजरीवाल जी की हुए सभा में 6 लाख रुपए का की भोजन घोटाला हुआ था। ओके घोटाले की वजह से पार्टी की खूब बदनामी हुई थी किसी को भी भोजन नहीं मिला था दूर-दूर से आए हमारे कार्यकर्ता भूख प्यास से तड़पते रहे। उक्त घोटाले की जानकारी 25 ,30 लोगों के द्वारा हस्ताक्षरयुक्त लिखित शिकायत के माध्यम से पाठक जी को दी गई थी। उस पर पाठक जी ने कहा था मैं किसी भी दोषी को नहीं छोडूंगा परंतु आज तक कार्यकर्ताओं के भोजन के पैसे को डकारने वालों के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई???
डॉ संदीप पाठक जी ने मनमोहन सिंह को कहा था कि आप भोजन घोटाले की जांच कर मुझे तत्काल रिपोर्ट सौपिए। मैं उन दोषियों को नहीं छोडूंगा पर मनमोहन सिंह जी ने भोजन घोटाले की जांच रिपोर्ट क्यों नहीं दी???
अगर मनमोहन जी ने जांच रिपोर्ट दी तो उन दोषियों पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई???
💥मान केजरीवाल जी संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी और शहिद ए आज़म भगत सिंह जी को अपना और आम आदमी पार्टी का प्रतीक चिन्ह और आदर्श माना है।
केजरीवाल जी अपने कार्यालय में जहां वे बैठते हैं अपनी कुर्सी के दोनों साइड दोनों महान विभूतियों की फोटो टंगवाकर रखे हुए हैं और हमेशा उन्हें अपने आदर्श बताते हैं।
परंतु बिलासपुर के त्रिवेणी भवन में पाठक जी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्टेज पर दोनों महान विभूतियों की फोटो लगाई गई थी। परंतु मनमोहन सिंह जी ने पाठक जी का हवाला देकर उन दोनों महान विभूतियों की फोटो को स्टेज से हटवा कर हमारे प्रति पुरुषों का घोर अपमान किया था।
हम लोगों ने इसका विरोध किया परंतु हमारी एक न सुनी गई। स्टेज के नीचे उन विभूतियों के अपमान से आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने हंगामा करना चाहा परंतु हम उन लोगों को किसी तरह मना लिए अन्यथा बहुत बड़ा विवाद हो जाता।
छत्तीसगढ़ में आज तक जितने भी कार्यक्रम हुए हैं उन कार्यक्रमों में कभी भी उन दोनों महान विभूतियों की फोटो नहीं लगाई जाती है और न ही पाठक जी द्वारा उन दोनों महान विभूतियों को कभी किसी मंच से याद किया जाता है। यह मानसिकता किसी सोची समझी चाल,और पाठक जी की छोटी सोच की ओर इशारा करता है।
समय रहते उक्त सभी बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए यथा शीघ्र ही अपने कार्यकर्ताओं ,पदाधिकारियों और जनता से माफी मांग ली जानी चाहिए अन्यथा उनका परिणाम पार्टी के सेहत के लिए उचित नहीं होगा।
भवदीय
सुरेश दिवाकर
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष
बिलासपुर
पूर्व स्टेट प्रेसिडेंट
एससी विंग छत्तीसगढ़
प्रदेश अध्यक्ष
सतनामी समाज छत्तीसगढ़
महासंघ चीफ
एससी एसटी ओबीसी एंड माइनॉरिटी महासंघ छत्तीसगढ़
9340586993