त्रिपुरा में 7 करोड़ की मेथमफेटामाइन गोलियों की तस्करी नाकाम, दो तस्कर गिरफ्तार

अगरतला। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के प्रयासों के तहत राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। त्रिपुरा में डीआरआई ने असम राइफल्स की मदद से मेथमफेटामाइन की भारी खेप जब्त करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस जब्ती की अनुमानित कीमत करीब 7 करोड़ रुपये आंकी गई है।
घटना 31 मई 2025 की रात की है जब अगरतला क्षेत्रीय इकाई के डीआरआई अधिकारियों ने 28वीं बटालियन असम राइफल्स के साथ संयुक्त अभियान के तहत तेलियामुरा के बाहरी इलाके में एक मारुति वैगन-आर कार को संदिग्ध गतिविधि के चलते रोका। यह वाहन धर्मनगर से अगरतला की ओर जा रहा था।
तलाशी के दौरान वाहन के बोनट के नीचे, काउल-कवर में छिपाए गए ईंट के आकार के सात पैकेट बरामद किए गए। इनमें कुल 7 किलोग्राम मेथमफेटामाइन की गोलियां पाई गईं। जांच में सामने आया कि ये गोलियां अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ बाजार में तस्करी के इरादे से लाई जा रही थीं। बरामद खेप और वाहन को NDPS एक्ट, 1985 के तहत जब्त कर लिया गया है।
डीआरआई ने तस्करी में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। विभाग की प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह खेप संभवतः अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थी।
लगातार हो रही कार्रवाई
जनवरी 2025 से अब तक डीआरआई ने त्रिपुरा में कुल 28.74 करोड़ रुपये मूल्य की मेथमफेटामाइन की गोलियां जब्त की हैं और सात तस्करों को गिरफ्तार किया है। डीआरआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तस्करों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है, जिसके अंतर्गत 10 वर्ष तक का कठोर कारावास और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
इस कार्रवाई को मादक पदार्थों के अवैध कारोबार के विरुद्ध सरकार के सख्त रुख और पूर्वोत्तर भारत को ड्रग मुक्त बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।