चारमार के जंगल में रचा गया करुणा और समन्वय का एक अध्याय : खुले कुएं में गिरे हाथी शावक को दो घंटे में सुरक्षित निकाला गया

रायगढ़ । रायगढ़ जिले के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र अंतर्गत नवापारा (टेण्डा) सर्किल के चारमार क्षेत्र में बीते दिनों से 30 हाथियों का एक दल लगातार विचरण कर रहा था। इसी दौरान, 3 जून की सुबह एक भावुक कर देने वाली घटना सामने आई जब एक करीब 5 वर्ष का नर हाथी शावक ग्राम चारमार के टिकरा इलाके में स्थित एक खुले कुएं में गिर गया।
घटना सुबह करीब 7:30 बजे की है, जब हाथियों की निगरानी और ट्रैकिंग कर रहे वन प्रबंधन समिति अध्यक्ष एवं अनुभवी ट्रैकर प्रहलाद गुप्ता की नजर कुएं में गिरे शावक पर पड़ी। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए उन्होंने तत्काल इसकी सूचना परिक्षेत्र सहायक कपिल दास महंत को दी।
जागरूकता, तत्परता और साहस का परिचय
सूचना मिलते ही वन विभाग की रेस्क्यू टीम सक्रिय हो गई। जेसीबी मशीन, रेस्क्यू उपकरणों और अधिकारियों के साथ टीम कुछ ही देर में मौके पर पहुंची। शावक की जान बचाने के लिए समय के खिलाफ एक दौड़ शुरू हो चुकी थी।
करीब दो घंटे चले इस ऑपरेशन में जेसीबी की सहायता से कुएं का किनारा चौड़ा कर एक सुरक्षित स्लोपनुमा रास्ता बनाया गया। राहत की सांस उस समय ली गई जब सुबह 9:30 बजे शावक को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।
शावक की हालत सामान्य, परिवार से मिला पुनर्मिलन
बचाव के बाद वन्य चिकित्सा दल ने शावक की स्थिति की जांच की और उसे पूर्णतः स्वस्थ पाया। इसके बाद हाथी ट्रैकिंग दल की सहायता से शावक को उसके झुंड के पास भेजा गया, जो इस समय धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है।
शावक को देखकर हाथी दल ने प्रतिक्रिया स्वरूप आवाजें दीं और कुछ ही क्षणों में वह फिर अपनी मां और दल के अन्य सदस्यों के साथ शामिल हो गया।
सहयोग की मिसाल बना यह रेस्क्यू ऑपरेशन
इस रेस्क्यू मिशन में वन विभाग के अधिकारी, प्रशिक्षु वन परिक्षेत्र अधिकारी, हाथी ट्रैकिंग दल, स्थानीय ग्रामीणों और वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने उल्लेखनीय समर्पण और समन्वय का परिचय दिया। उनकी सतर्कता और मानवीय संवेदना से एक मासूम वन्य प्राणी की जान बच सकी।
> “यह सिर्फ एक बचाव नहीं, बल्कि इंसान और प्रकृति के बीच भरोसे और सहअस्तित्व की मिसाल है,” — वरिष्ठ वन अधिकारी की प्रतिक्रिया।
संपादकीय टिप्पणी:
यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि जब समाज, प्रशासन और स्थानीय समुदाय मिलकर कार्य करते हैं, तब करुणा और कर्मठता के अद्भुत उदाहरण सामने आते हैं।
शीर्षक सुझाव (सोशल मीडिया/पोस्टर हेतु):
“जंगल की करुण पुकार पर इंसान की जवाबदारी: कुएं में गिरे हाथी शावक को बचाया गया”
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एक हाथी शावक, एक खुला कुआं, और समय के खिलाफ एक रेस्क्यू ऑपरेशन — चारमार में इंसानियत ने फिर दिखाया कि जानवरों के जीवन की रक्षा भी हमारी प्राथमिकता हो सकती है।
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