छत्तीसगढ़

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मॉडल ग्रामों के निर्माण हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला संपन्न

राजनांदगांव । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह के मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत जिले में चयनित ग्राम पंचायतों को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किए जाने की दिशा में अहम कदम उठाया गया। इसी क्रम में आज जिला पंचायत सभाकक्ष में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामों को स्वच्छता के विभिन्न मानकों—जैसे ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, खुले में शौच से मुक्त वातावरण का स्थायित्व, सामुदायिक भागीदारी—के आधार पर आदर्श ग्राम के रूप में स्थापित करना रहा।

कार्यशाला में जिले के चारों विकासखंडों—राजनांदगांव, छुरिया, डोंगरगांव एवं डोंगरगढ़—से चयनित ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं महिला स्वच्छाग्रही प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। ग्राम पंचायत कुसमी, बरगा, फरहद, जंगलेशर, ढोढिया, साल्हे, करमरी, मातेखेड़ा, गर्रापार, भण्डारपुर, अर्जुनी, तुमड़ीबोड़, बड़ा चारभांठा, किरगी (ब), बनभेड़ी, बेलगांव, भानपुरी, मुसराकला, मुरमुंदा एवं टप्पा के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भागीदारी की।

स्वच्छता केवल संरचना नहीं, बल्कि सामुदायिक चेतना है – सीईओ सुरूचि सिंह

कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि ग्रामों को मॉडल के रूप में विकसित करना केवल भौतिक ढांचागत विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सामुदायिक जागरूकता, सहभागिता एवं सतत प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को अपने-अपने ग्रामों में व्यवहार में लाएं और आमजन को स्वच्छता के लिए प्रेरित करें।

विशेषज्ञों से मिली तकनीकी जानकारी

कार्यशाला में जिला समन्वयक एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा मॉडल ग्राम विकास की कार्ययोजना, पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका, महिला स्वच्छाग्रहियों की भागीदारी, सामुदायिक निगरानी तंत्र आदि विषयों पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया। प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण के दौरान जिज्ञासाएं व्यक्त कीं और मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु व्यावहारिक सुझाव प्राप्त किए।

यह कार्यशाला मॉडल ग्राम पंचायतों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही, जिससे न केवल सहभागियों में उत्साह बढ़ा, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों की स्पष्ट समझ भी विकसित हुई। जिला प्रशासन इस दिशा में संकल्पबद्ध है कि जिले की समस्त ग्राम पंचायतों को स्वच्छ, समावेशी एवं आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाए।

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