रायगढ़

बरभौना शास.उ.मू. दुकान में रामबाई और श्रवण डनसेना द्वारा मृत व्यक्तियों और गरीबों का डकारे राशन की खुली फाईल…। टिकेश डनसेना पर धारा 110 (वन टेन) की लटकी तलवार…।।

सिंहघोष/रायगढ़-भाजपा के 15 वर्षीय सत्ता में टिकेश,रामबाई व श्रवण डनसेना इन तीनों पुत्र,माता-पिता ने खूब मलाई खायी है जो सत्ता से बाहर होते ही और कांग्रेस की सरकार आते ही बारी-बारी से खायी हुई मलाई का हिसाब किया जा रहा है चाहे जामपाली के गरीब आदिवासी के 9 लाख खाने के कारण चर्चित पिता -पुत्र को जेल जाने की मामला हो,चाहे युवा पत्रकार जानलेवा हमला की बात हो,चाहे स्कूल के सांस्कृतिक मंच का पत्थर तोड हो,चाहे बरभौना छबि चौहान एवं जामपाली मयाराम राठिया के साथ गुंडागर्दी की बात हो,चाहे श्रवण डनसेना अपने स्व.भाई मतलब भतीजी हेमा के अधिकार क्षेत्र के संपूर्ण संपत्ति हडपने की बात हो,चाहे टिकेश के द्वारा शासन को चूना लगाते हुए 1 एकड जमीन को 6 एकड बताकर राशि आहरण करने की बात हो,चाहे मोहितराम आदिवासी के नाम पर धान बेचने की बात हो व चाहे दूसरे के खिलाफ छाल थाना में झूठी शिकायत कर खुद को बचाने की बात हो,ऐसे कई अनगिनत बात है,टिकेश अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति है जिस पर कई धाराएं थानों में दर्ज है एवं हालहि में 110 (वन टेन) भी दर्ज हुआ है हालांकि अभी जमानत पर बाहर है।


अब बात है सन् 2008 की जिसमें ग्राम पंचायत बरभौना का शासकीय उचित मूल्य का संचालन समलाई स्व सहायता समूह की अध्यक्ष रामबाई डनसेना व उसका पति श्रवण डनसेना विक्रेता द्वारा लगभग 200 क्विंटल चावल एवं अन्य सामग्री गरीबों का गबन किया था उसमें 16 नाम डबल,7 नाम मृतक में हृदय चौहान 1 ऐसा मृतक था जिसका बरभौना में परिवार का कोई सदस्य नहीं था इसलिए रफादफा करते नहीं बना फिर भी कर दिया गया और 2 नाम गांव से बाहर रहने वाला का था उन सभी का मासिक प्रतिवेदन में निरंक बताकर प्रतिवेदन जमा कर दिया जाता था तब ग्रामीणों के शिकायत के बाद तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी खरसिया के द्वारा खाद्य अधिकारी को जांच हेतु आदेशित किया गया उनके द्वारा जांच दौरान सत्ता के दबाव से 16 डबल नाम एवं 7 मृतक का चावल सामग्री को कई महीने का रफा-दफा कर दिया गया जबकि 2 हितग्राहि गांव से बाहर रहने वालों का 30 माह का मात्र 21 क्विंटल (42) कट्टा चावल शासकीय उचित मूल्य दूकान में बचाने के उद्देश्य से जमा करा दिया गया शेष अन्य सामान को नहीं कराया गया| जांच दौरान स्पष्ट है कि समूह का अध्यक्ष एवं विक्रेता दोषी पाया गया है किन्तु कोई कार्यवाही नहीं किया गया था |
अब सरकार बदलते ही ग्रामीणों में आस जगी एवं आवेदक द्वारा दबी फाईल को खुलवाने का काम किया गया और इन दोनों के विरुद्ध सार्वजनिक वितरण प्रणाली 2004 के उल्लंघन तहत दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग कर तत्काल जेल भेजने का निवेदन किया गया है|

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