रायगढ़

एनटीपीसी लारा के मुख्य द्वार पर 81 दिन से स्थाई नौकरी की मांग पर जारी है आंदोलन…।।

सिंहघोष/रायगढ़एनटीपीसी लारा परियोजना रायगढ़ के भू्-विस्थापितो की जमीन सत्र 2012 में अधिग्रहित किया गया। जिसमें 9 गांव की जमीन अधिग्रहित हुई लारा, कांदागढ़, बोडा़झरिया, महलोई, आरमुड़ा, रियापाली, झिलंगिटार, छपोरा की जमीन अधिग्रहित की गई परंतु 8 वर्ष पश्चात कई किसान मुआवजा एवं पुनर्वास लाभ से वंचित है। भू-विस्थापितो द्वारा 8 वर्ष तक लगातार संघर्ष किया जा रहा है कि उनका अधिकार मिले परंतु एनटीपीसी प्रभात किसी भी तरीके से किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं दिखाई दे रहा है। सत्र 2018 में अपनी मांगों को लेकर विस्थापितों ने 210 दिन का शांतिपूर्ण आंदोलन किया। परंतु तत्कालीन सरकार की उदासीनता से एनटीपीसी को बल मिला और आंदोलनकारियों को जेल भेज दिया गया। परंतु आंदोलनकारियों ने हिम्मत नहीं हारी लगातार अपनी मांगों को लेकर लामबंद है।
एनटीपीसी लारा परियोजना 4000 मेगावाट का पावर प्लांट है जिसमें लगभग 2500 एकड़ जमीन अधिग्रहित हुई है। जिसमें 2571 किसानों के नाम से अवार्ड पारित किया गया। भू अधिग्रहण छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति का स्पष्ट प्रावधान था की अधिग्रहित किसानों को योग्यता अनुसार नौकरी अवश्य रूप से प्रदान किया जाना चाहिए था। एनटीपीसी ने अपने करारनामा में 1600 विस्थापितों को नौकरी देने की बात कही थी। जिसमें डिग्री, डिप्लोमा इंजीनियरिंग, आईटीआई, बीकॉम एवं अन्य प्रकार के शैक्षणिक योग्यता का उल्लेख है। परंतु एनटीपीसी प्रबंधन ने स्वयं की नीति लागू करते हुए स्थाई नौकरी के प्रावधान को समाप्त कर दिया और विस्थापित विस्थापितों का अधिकार से वंचित कर दिया गया। क्षेत्र के युवा जब अपने अधिकार के लिए संगठित हुए और लगातार अपनी मांग उठाने लगे तो लारा संघर्ष समिति का गठन हुआ और इसी के बैनर तले 210 दिन का आंदोलन और इस वर्ष 81 दिन का आंदोलन जारी है।
विदित हो कि सरकार बदलने के साथ आंदोलनकारियों के मांगों पर विचार किया गया और एनटीपीसी लारा के विस्थापितों को नौकरी देने के लिए वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शासन, प्रशासन एवं एनटीपीसी के उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर यह स्पष्ट निर्देश दिया कि एनटीपीसी विस्थापितों को शैक्षणिक योग्यता के अनुसार नौकरी प्रदान किया जाए और जिन भू-विस्थापितों युवाओं के पास योग्यता नहीं है, उन्हें प्रशिक्षण देकर योग्य बनाया जाए साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा पेयजल एवं अन्य सुविधाओं को लेकर सीएसआर मत के अंतर्गत कार्य करने के स्पष्ट निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के आदेश के पालन को यथावत करने के लिए जिला प्रशासन ने भी विस्थापितों को नौकरी देने के लिए एनटीपीसी प्रबंधन की कई बैठक कर चुका है। बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भू-विस्थापितों को तो नौकरी देनी होगी। वर्तमान कलेक्टर ने नौकरी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए 121 विस्थापितों को चिन्हित किया जिसमें 36 आंदोलनकारी भी शामिल थे। परंतु एनटीपीसी प्रबंधन की मनमानी से प्रक्रिया के नाम पर कई योग्य स्थापित नौकरी से बेदखल करने के लिए कई तरीके से कार्यवाही की गई और नाम मात्र के विस्थापितों को नौकरी वही लारा संघर्ष के युवाओं ने अपने अधिकारों को पूरा नहीं होते देख पुनः मोर्चा खोल दिया और आज 81 दिन भी आंदोलन जारी है। उनकी मांग है कि क्षेत्र के सभी युवाओं को स्थानीय अवार्डधारी होने के नाते प्रक्रिया में शामिल किया जाए एवं शैक्षणिक योग्यता के अनुसार स्थाई नौकरी प्रदान किया जाए। यह भी कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन शीघ्र ही शासन एवं प्रशासन के द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें।

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button