कोरोना संक्रमितों के मानसिक स्वास्थ्य पर जोर…। काउंसलर अस्पताल में भर्ती मरीजों की कर रहे काउंसिलिंग…।।

वर्तमान में मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखना है:- डॉ.एस.एन केसरी
सिंहघोष/रायगढ़- 27 अप्रैल 2021.
कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग की मानसिक स्वास्थ्य इकाई पूरे जिले के लिए वरदान साबित हो रही है। यहां के मानसिक स्वास्थ्य सलाहकारों द्वारा अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की काउंसलिंग लगातार की जा रही है जिससे वह कोरोना संक्रमण से आसानी से उबर सकें। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह देखा गया है कि कोरोना संक्रमित अनावश्यक रूप से दबाव महसूस कर रहा है और तनावग्रस्त हो जाता है। उसके मन में तरह-तरह के ख्यालात आते रहते हैं जिसके कारण मरीज की अस्पताल से रिकवरी सामान्य से अधिक समय में होती है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य इकाई के काउंसलर उन्हें बीमारी और उसके द्वारा पड़ने वाले प्रभाव को बेहतर तरीके से समझाते हैं और पीड़ित को आश्वस्त करते हैं वह बहुत जल्द ठीक हो जाएंगे।
जिला मानसिक स्वास्थ्य का इकाई द्वारा मिली जानकारी के अनुसार हर दिन कम-से-कम 35 मरीजों की काउंसलिंग यहां से की जाती है। मरीजों को यह समझाया जाता है कि वह अपना तापमान, और ऑक्सीजन की मात्रा को नियमित तौर पर देखें और इनमें अगर किसी प्रकार की मापदंड के अनुसार कमी-अधिकता होती है तो कंट्रोल रूम में इसकी जानकारी दें। वहां से उन्हें यथोचित उपचार मिलेगा पर कोरोना संक्रमण को लेकर अनावश्यक किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों को अपने मन में हावी होने ना दें। यही नकारात्मक विचार मरीजों के ठीक होने में एक बहुत बड़ी बाधा साबित होते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के जिला नोडल अधिकारी डॉ.टी.के टोंडर के अनुसार कोरोना के पाजिटिव आने के साथ ही नेगेटिव विचार लोगों के मन में घर कर जाता है। लोग तरह-तरह की बातें सोचने लगते हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं हैं। लोग क्वालिटी समय बिताएं, किसी भी तरह से नकारात्मकता को हावी न होने दें।
“हमारे काउंसलर लोगों की लगातार काउंसिलिंग कर रहे हैं, यह दौर भी बहुत जल्द निकल जाए। लोग संयम बरतें और दिशा निर्देशों का पालन करें, उन्होंने बताया।“
मानसिक स्वास्थ्य काउंसलर अतीत राव बताते हैं: “मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में बीते डेढ़ साल से कोरोना संक्रमित मरीजों की काउंसलिंग कर रहा हूं। अस्पताल में भर्ती मरीज अपने आसपास हो रही मृत्यु, गंभीर परिस्थिति में पड़े मरीजों को देखकर बहुत जल्द घबरा जाते हैं। ऐसे लोग के यही सवाल होते हैं कि क्या उनकी स्थिति इनके जैसे हो जाएगी, क्या वह मरने वाले है, और क्या उनके शरीर के अंग खराब हो जाएंगे। जबकि यह पूरी तरह से कपोल कल्पना है और इन्हीं चीजों से लोगों को मानसिक अवसाद ना हो उससे हमें बचाना यही हमारी पहली जिम्मेदारी है। लोग इस बार काफी डरे हुए हैं लोगों को डटकर इस बीमारी का सामना करना होगा यदि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ है तो वह स्वास्थ्य की आधी जंग अपने आप ही जीत लेता है।‘’
कम से कम दो बार आता था फोन
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चपले की 29 वर्षीय स्टाफ नर्स हेमलता वारे कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 17 से 25 अप्रैल तक डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती थी। वह बताती हैं कोरोना से संक्रमित होने के बाद तबीयत में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहे थे कोविड अस्पताल में कोई तीमारदार नहीं होता है और हाल चाल पूछने वाले भी नहीं होते। “ऐसे में दिन में कम-से-कम 2 बार मानसिक स्वास्थ्य काउंसलर का फोन आता था और वह लगातार मेरी हिम्मत बढ़ाते थे यह कह कार कि मुझे कुछ नहीं हुआ है और मैं प्रगति करती जा रही हूं। उन्होंने जो मेरा फॉलोअप लिया उसी के कारण मैं कोविड हॉस्पिटल से जल्दी से डिस्चार्ज हो सकी। आज मैं अपने घर में रिकवर कर रही हूं| मुझे किसी भी प्रकार का तनाव नहीं है। मैंने अपने अगल-बगल के लोगों को जरा सी बात पर बहुत परेशान होते हुए देखा है।‘’
हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखना है : सीएमएचओ डॉ. एसएनकेसरी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस एन केसरी कहते हैं: “वर्तमान समय बहुत ही नाजुक मोड़ से गुजर रहा है| दिनों दिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लोग मर रहे हैं जिसके कारण आम जनता पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है। जो लोग संक्रमित हैं उनमें अनावश्यक डर पैदा हो जा रहा है कि वह भी गंभीर हो जाएंगे लेकिन संक्रमित मरीजों में गंभीर होने की प्रबलता उनके देखभाल, रहन-सहन और कोविड नियमों के पालन करने पर निर्भर करता है। जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो। लोग अनावश्यक विचारों को मन में लाकर परेशान हो रहे हैं। हमारे मानसिक स्वास्थ्य इकाई आपकी मदद के लिए सदैव तत्पर है। यदि लोगों को किसी प्रकार का मानसिक तनाव होता है तो सीधे हमसे बात करिए। हमें इस समय अपने मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखना है।‘’