ओपी ने के.आई.टी के लिये बहाए घड़ियाली आंसू-अनिल अग्रवाल (चिकु)

ओपी को छात्र हित की लड़ाई लड़ने वाले अनिल चिकू ने लिया आड़े हाथ
सिंहघोष/रायगढ़-30.7.21-
ऐसा क्यों है कि चौधरी जी जब भी कोई विकास कार्य स्वीकृत हो जाता है या उसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है या उसका वर्क आर्डर जारी हो जाता है तभी आप नाटकीय ढंग से धरना प्रदर्शन करने लगते हैं, लेटर पालिटिक्स करने लगते हैं, जैसे पिछले दिनों आपने खरसिया विधानसभा के रायगढ़ चौक में धरना प्रदर्शन करते समय रायगढ़ चौक से मुड़पार मार्ग के निर्माण की मांग नाटकिय ढंग से सड़क में धान रोपते हुए लच्छेदार भाषण दे दिया। जबकि यह सबको पता था कि उस सड़क के निर्माण के लिए कार्यादेश जारी हो चूका है आपको भी पता था,इसके बावजूद आपने इसके निर्माण की मांग धरना प्रदर्शन के दौरान की, क्या यह मिथ्या श्रेय लेने की ओछी राजनीति नहीं है?आप तो प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं वर्षा ऋतु में सड़क निर्माण किया जाना तकनीकी दृष्टि से क्या ठीक है?
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि इसी तरह जिला मुख्यालय स्थित केआईटी की गवर्निंग बॉडी की गत बैठक (दिनांक 24/6/21 को हुई थी) में किरोड़ीमल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी,रायगढ़ को पूर्ण रूप से शासकीय कॉलेज में परिवर्तित किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था।इसकी भनक लगते ही चौधरी जी आपने फिर से एक बार श्रेय लेने के उद्देश्य से पत्र- राजनीति चालू कर दी।क्या आपने वास्तव में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल जी को गंभीरता पूर्वक जिले के छात्र हित में चिट्ठी लिखी है?या फिर केवल आत्मप्रचार कर अपनी टी. आर. पी. बढ़ाने के लिये पत्र लिखें है ?यदि श्रेय लेने के लिये पत्र लिखा गया है तो मुझे कुछ नही कहना। यदि आप गंभीर है तो आपने इस मुद्दे पर चिट्ठी लिखने के पूर्व कितने बार किन किन कैबिनेट मंत्री, और उच्चशिक्षा विभाग के किन अधिकारियों को पत्र लिखा इसका भी जिक्र यदि आप अपने पत्र में करते तो लगता कि आपको सही में छत्र हित की चिंता है ? क्या आप बताएंगे कि पत्र लिखने से पूर्व केआईटी के शासकीय कारण के लिये आपने भाजपा सरकार के कार्यकाल में क्या-क्या प्रयास किये हैं और किन-किन अधिकारियों को रमन सरकार के किन-किन केबिनेट मंत्रियों को कहाँ-कहाँ पत्र लिखा है ?चौधरी जी आपके पास 19सौ छात्रों का आंकड़ा कहां से आया जबकि इस संस्थान में केवल 154 छात्र-छात्राएं अध्यनरत है।चौधरी जी मुझे लगता है अभी आप केआईटी-केआईटी कर रहे हैं और मुझे शक है कि केआईटी के शासनाधीन होने के बाद यदि फैकल्टी में पटेल या चौधरी या नायक लोग निकल आते है तो आप फिर चिट्ठि लिखेंगे,आरोप लगाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कहीं आप नई जमीन तलाशने में तो नही लगे है? नहीं तो फिर इसके पूर्व आपने रायगढ़-जशपुर जिले के छात्रों की चिंता क्यों नहीं की ?चौधरी जी जब बीजेपी सरकार की कार्यकाल में केआईटी का बेड़ा गर्क किया जा रहा था उस समय आपको इसकी चिंता आपको क्यों नहीं हुई? मुझे तो यह भी लगता है कि आपकी पार्टी का चरित्र ही ऐसा है जो इस कहावत से चरितार्थ होती है जब सत्ता में थे तो दम लगा रहे थे और सत्ता से बाहर हैं तो गम गलत कर रहे हैं।
“”लगे दम तो मिटे गम
दुनिया कमाए तो खाये हम””
परंतु यह लोकतंत्र है “साहेब”
“ये पब्लिक है सब जानती है “
हर एक का नस पहचानती है “