रायगढ़

तहसीलदार सुनील अग्रवाल वकीलों को प्रताड़ित व दुर्व्यवहार करने के है आदी-आशीष मिश्रा(एडवोकेट)

भ्रष्टाचार में संलिप्त तहसीलदार सुनील अग्रवाल का स्थान्तरण और विडीयो बनाकर अधिवक्ताओं को धमकाने वाले कर्मचारी के विरुद्ध एफ.आई.आर की मांग…।।

सिंहघोष/रायगढ़-11.02.22- आज दोपहर 12 बजे के आसपास जिला मुख्यालय में न्यायालय की गरिमा के विपरीत ऐसा माहौल बन गया जिसे देख सुनकर आम शहरी परेशान हो उठा।हुआ यूं कि तहसील न्यायालय रायगढ़ में पदस्थ तहसीलदार सुनील अग्रवाल से कल एक अधिवक्ता के साथ पुनः विवादित आचरण करने के मामले में विरोध करने गए बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य तहसील आफिस में पदस्थ किसी कर्मचारी के तंज कसे जाने पर भड़क गए। इस बात पर विवादित स्थिति बन गई।

बात बिगड़ते हुए हाथापाई तक आ पहुंची। इसके बाद अधिवक्तागण तहसील न्यायालय के बाहर प्रारम्भ से ही पदस्थापना को लेकर विवादों में रहे तहसीलदार सुनील अग्रवाल को डेस्क में ना पाकर वकीलों ने वहीं विरोध करने शुरू कर दिया। इस बीच SDM रायगढ़ युगल किशोर उर्वशा वहां पहुंच गए। अधिवक्ताओं ने उनसे तहसीलदार सुनील अग्रवाल के उस आचरण को लेकर शिकायत की जो उन्होंने अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा के साथ की थी। उनकी मांग थी कि तहसीलदार सुनील अग्रवाल अपने कृत्यों के लिए या तो माफी मांगे या उनका स्थानान्तरण गृह जिले से बाहर किया जाए।

इसी बीच एक जानकारी सामने आई कि तहसील न्यायालय में अधिवक्ताओं ने कथित तौर पर दो तहसीलकर्मियों और नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर से मारपीट की घटना कारित की है। तहसील कर्मियों में से किसी एक ने मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। बकायदा इसके कुछ देर बाद ही तहसील कार्यालय के एक कर्मचारी के गोविंद प्रधान के द्वारा बनाया गया एक अन्य विवादित विडीयो “तोपचन्द है क्या वकील लोग,पूरे जिले में काम बन्द होगा” वायरल किया गया। जिसके बाद विवाद की आग में घी डालने जैसी स्थिति बन गई। दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए अपने-अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने लगे। मामला यही शांत नही हुआ। जहाँ जिला मुख्यालय के अधिकाँश सरकारी विभागों के सैकड़ों कर्मचारी संगठित विरोध करने लगे वही जिले के अन्य तहसीलों और न्यायालयों से अधिवक्ता गण रायगढ बार एसोसिएशन के समर्थन में आ खड़ा हुआ। एक तरफ कर्मचारी मारपीट करने वाले अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संगठित विरोध पर उतर आए तो वहीं दूसरी तरफ जिला अधिवक्ता संघ भी तहसील न्यायालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने वाले व बात-बात पर पैसों की मांग करने व विवादित पदस्थापना वाले तहसीलदार सुनील अग्रवाल के स्थानांतरण तथा वकीलों के विरुद्ध बकायदा वीडियो बनाकर अभद्र व्यवहार और घर घुस कर मारपीट करने वाले तहसील कर्मी गोंविद प्रधान की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

इधर शाम होते तक यह स्पष्ट हो गया कि तहसील कर्मियों की लिखित शिकायत पर अधिवक्ताओं के विरुद्ध संगीन धाराओं में अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है। वही 10 अन्य अधिवक्ताओं को भी जांच के दायरे में रखा गया है,यह सुनकर अधिवक्ता गण पुनः विरोध पर उतर आए। नाराज अधिवक्तागण अपने सहयोगी वकीलों पर दर्ज एफ आई आर को निरस्त करने व तहसील आफिस के कर्मचारी गोंविद पंडा के विरुद्ध थाने में अविलंब अपराध पंजीबद्ध कर उचित कार्यवाही की मांग को लेकर थाने के सामने आ डटे। करीब दो घण्टे तक थाना घेराव करने के दौरान अधिवक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पूरे विवाद की जड़ भ्रष्ट और विवादित तहसीलदार सुनील अग्रवाल है। वे लगातार न्यायालय पैरवी करने वाले सांथी अधिवक्ताओं से दुर्व्यव्हार करते रहे हैं। उनके कार्यकाल में तहसील न्यायलय भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। वहीं मारपीट के वायरल विडीयो को लेकर अध्यक्ष का कहना था कि जो वीडियो वायरल किया गया है,वह एक पक्षीय विडीयो है। इसके पहले का वीडियों जिंसमे तहसील कर्मियों ने पहले हाथापाई की है उसे उनके द्वारा जान बूझकर वायरल नही किया है। रही बात विवादित स्थिति निर्मित करने की तो तहसीलदार सुनील अग्रवाल के भ्रष्टाचारण और दुर्व्यवहार से पहले भी कई अधिवक्ता सांथी प्रताड़ित होते रहे हैं। पुलिस अगर हमारी मांग के अनुरूप कारवाही नही करती है तो मज़बूरन हमें लम्बे समय तक विरोध प्रदर्शन जारी रखना पड़ेगा।

"ताजा अपडेट" वकीलों के खिलाफ गम्भीर धाराओं के तहत मामला दर्ज- थाना चक्रधरनगर में अप.क्र. 89/2022 धारा 186,294,332,353,34 भादवि, 3(2)(va) SC/ST ACT का अपराध जितेन्द्र शर्मा,महेश पटेल,दीपक मोडा व अन्य पर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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