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राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार 2024: रायगढ़ के आकाश देवांगन को मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान, बस्तर जाला कोसा साड़ी के लिए चयन

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के हथकरघा क्षेत्र को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। कपड़ा मंत्रालय द्वारा घोषित राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार 2024 में रायगढ़ जिले के बुनकर आकाश कुमार देवांगन का चयन किया गया है। उन्हें यह सम्मान जनजातीय बस्तर जाला कोसा साड़ी के उत्कृष्ट निर्माण कार्य के लिए प्रदान किया जाएगा।

आकाश देवांगन को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार आगामी 7 अगस्त 2025, गुरुवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा। इस साल देशभर से कुल 24 बुनकरों को इस सम्मान के लिए चुना गया है, जिनमें 5 संत कबीर पुरस्कार और 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार शामिल हैं।

समारोह में कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, संसद सदस्य, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, डिजाइनर, निर्यातक, सरकारी अधिकारी, छात्र और देशभर से आए 500 से अधिक बुनकरों की उपस्थिति रहने वाली है। यह आयोजन भारतीय हथकरघा परंपराओं को बढ़ावा देने और देशभर के शिल्पकारों को पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पुरस्कार की विशेषताएं:

राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार में ₹2 लाख की नकद राशि, ताम्रपत्र, शॉल और प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

संत कबीर पुरस्कार पाने वालों को ₹3.5 लाख नकद, स्वर्ण पत्र, ताम्रपत्र, शॉल और मान्यता पत्र प्रदान किया जाएगा।

इन पुरस्कारों की स्थापना राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP) के अंतर्गत की गई है, जो हथकरघा विपणन सहायता (HMA) घटक के जरिए उत्कृष्ट कारीगरी, नवाचार और पारंपरिक बुनाई को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है।

रायगढ़ के आकाश देवांगन की इस उपलब्धि से पूरे छत्तीसगढ़ में खुशी की लहर है। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण की पहचान है, बल्कि राज्य की समृद्ध हथकरघा परंपरा को भी राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करता है।

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