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दिनचर्या में ग्रीन चर्या को बुद्धिजीवियों ने भी सराहा।युवा पत्रकारों का मिला बहुमूल्य सुझाव।

सिंहघोष/रायगढ़ ।
उच्चशिक्षा मंत्री उमेश पटेल के मुहिम दिनचर्या में ग्रीनचर्या का हरा रंग अब धीरे-धीरे शहर में चढ़ने लगा है। ग्रीनचर्या से प्रेरित होकर शहर के कई बुद्धजीवी लोग अब इसे आत्मसात करने का संकल्प ले रहे हैं और अपने आसपास के क्षेत्रों में हरियाली व पर्यावरण को सहेजने के लिए पौधे रोपित कर पर्यावरण को स्वच्छ करने हेतु अपना योगदान देते हुए दूसरों को ग्रीनचर्या मुहिम के उद्देश्य को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विदित हो कि उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने दिनचर्या में ग्रीनचर्या मुहिम की शुरुआत करते हुए एक ऐसे व्यवहार को अपनाने के लिए जोर दिया है जिसे यदि हम सभी अपने जीवन में आत्मसात कर ले तो नि:संदेह एक ऐसा शुद्ध वातावरण निर्मित होगा जिससे इंसान को सुकून के साथ सुखद वातावरण की प्राप्ति होगी।
प्रत्येक दिन की भांति ग्रीनचर्या की टीम रायगढ़ जिले के पत्रकार जगत के ऐसे बुद्धिजीवियों के पास सौजन्य मुलाकात करने पहुँची जिनके कलम, लेखनी और पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान से लोग परिचित है। जिनका नाम जुबान पर आते ही हर किसी के सामने उनकी छवि स्वतः स्थापित हो जाती है और गर्व की अनुभूति होती है। रायगढ़ जिला के साथ प्रदेश में अपनी पहचान बनाने में सफल प्रतिष्ठित दैनिक अखबार केलोप्रवाह के संपादक हेमंत थवाईत, रायगढ़ दैनिक भास्कर के सह सम्पादक युवा पत्रकार आनंद शर्मा व दैनिक किरणदूत के संपादक प्रेमनारायण मौर्य से ग्रीनचर्या की टीम ने सौजन्य मुलाकात कर स्मृतियों को जीवंत रखने के लिए एक सुंदर सा गमला सहित इंडोर पौधा भेंट किया और ग्रीनचर्या मुहिम से अवगत कराया।

उक्त पत्रकारों ने मंत्री उमेश पटेल के ग्रीनचर्या मुहिम को सुना तो इसकी तारीफ किये बिना नहीं रह पाए। तीनों ने इस अभियान की सराहना करते हुए ग्रीनचर्या को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया साथ ही अपने सहकर्मियों, मित्रों एवं परिवारजनों को भी इसे अपनाने तथा दूसरों दूसरों को भी प्रेरित करने के लिए प्रयास करने की बात कही ।

अभियान धरातल पर उतरे तो अनेक लाभ – हेमंत
केलोप्रवाह के सह संपादक हेमंत थवाईत ने ग्रीनचर्या की सराहना करते हुए कहा कि “मंत्री उमेश पटेल की सोच आज के समय में यदि धरातल पर 60% भी सार्थक हो जाए तो यह अभियान सफल हो जाएगा क्योंकि रायगढ़ जिले में यदि सबसे बड़ी कोई समस्या है तो वह है प्रदूषण की समस्या। आज पूरा जिला कारखानों से भरा हुआ है। कई किलोमीटर की दूरियों से कारखानों के डस्ट अब हमारे घरों व कार्यालयों के छतों पर हमेशा देखे जाते हैं। बाहर का प्रदूषण हमारे घरों में व ऑफीस में भी प्रवेश कर रहा है। जिले में मानक स्तर से भी ज्यादा प्रदूषण व्याप्त है लेकिन प्रदूषण को मुक्त करने के लिए बड़े स्तर पर अभी तक कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। घर भीतर के प्रदूषण को कम करने के लिए हम कितना भी साफ – सफाई व स्वच्छता अपना लें लेकिन शुद्ध व ऑक्सीजन की उत्पत्ति एक पौधा नहीं कर सकता यह पौधा कमरे में एयर प्यूरीफायर का भी काम करेगा। अपने कमरे में इनडोर प्लांट को रखने से जो फायदा होगा वह कोई भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन नहीं कर सकती इसलिए जरूरी है कि अपने हम अपने कमरे व घरों में नियमित रूप से स्वच्छ पर्यावरण के लिए इंडोर पौधों को रोपित करें और उसका संवर्धन करें। मंत्री उमेश पटेल के मुहिम के विषय में आगे उन्होंने कहा कि मंत्री उमेश पटेल की सोच को यदि आज की जनरेशन से लेकर हमारे वरिष्ठ भी अपने संस्कार में इसे ले आए तो मेल – मिलाप के दौरान जो बुके, फ्लावर, फूलमाला व गिफ्ट का आदान-प्रदान होता है उसमें बदलाव आएगा और लोग एक दूसरे को जीवंत मोमेंटो के रूप में इंडोर प्लांट उपहार स्वरूप भेंट करेंगे जिससे देने वाले को और पाने वाले को दोनों को सुखद एहसास की अनुभूति होगी और यह एक ऐसा तोहफा होगा जो आजीवन तोहफा दोनों की स्मृतियों में अमिट छाप छोड़ेगा।”

पर्यावरण के लिए सराहनीय पहल- मौर्य
किरण दूत के सम्पादक पत्रकार प्रेमनारायण मौर्य ने भी दिनचर्या में ग्रीनचर्या को आत्मसात करने का संकल्प लेते हुए कहा “रायगढ़ से ग्रीनचर्या की शुरआत हुई है ये सराहनीय पहल है। बाहर के पर्यावरण को सुधारने के लिए प्रयास होता है लेकिन हम कितने सफल हो पा रहे हैं या नहीं यह देखना होता है। हमारा अधिकतम समय घरों या ऑफिस के इंडोर में बितता है इसलिए घर के भीतर हम किन पौधों को अपने पास रख सकते हैं और पर्यावरण को सुधार सकते हैं इस बात की जानकारी दे तथा लोगों को कैसे प्रेरित कर सकते हैं इस पर हमारा ध्यान केंद्रित होना चाहिए। श्री मौर्य ने स्वयं ग्रीनचर्या अपनाने व इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करने की बात कही और कहा कि अभियान में जितने भी लोग ग्रीनचर्या के दौरान पौधों का आदान प्रदान करते हैं और इस मुहिम को आत्मसात करते हुए दूसरों को भी प्रेरित करेंगे हम अपने अखबार में उनकी फोटो सहित प्रकाशित कर प्रोत्साहित करेंगे। इस हेतु हमारे द्वारा व्हाट्सएप नंबर रिलीज किया जाएगा और उस व्हाट्सएप नम्बर में जो फोटो और डिटेल्स आएंगे हम प्रतिदिन हमारे अखबार में फोटो सहित ग्रीनचर्या मुहिम का एक विषय हमेशा प्रकाशित करेंगे।

मुहीम का हिस्सा बने पूरा समाज – आनंद शर्मा सागर दैनिक भास्कर के सह संपादक”उमेश पटेल के संरक्षण और मार्गदर्शन में जिला के युवा इकट्ठा हुए हैं और एक मुहिम शुरू की है दिनचर्या में ग्रीनचर्या। जैसा कि नाम से ही क्लियर है। हरियाली को अपने दिनचर्या में आपको हिस्सा बनाना है। रायगढ़ के युवाओं की टीम ने इस अभियान को शुरू किया है इसमें इनडोर प्लांट्स जो एयर प्यूरीफायर है उसके विषय में लोगों को मोटिवेट किया जा रहा है। आप लोग भी इससे जुड़े मैंने खुद घर में इंडोर पौधे रखे हुए हैं जो 24 घंटे हमें ऑक्सीजन देते हैं। इन पौधौं को एयर प्यूरीफायर भी कहा जाता है। स्मोकिंग व अन्य जो भी प्रदूषण होते हैं वे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं उसे ये पौधे फिल्टर करते हैं। प्रत्येक वर्ग के उम्र वाले घर सदस्यों के लिए यह बहुत जरूरी है। बच्चों के लिए अगर एयर क्वालिटी अच्छी नहीं होगी तो भविष्य में उन्हें अस्थमा हो सकता है और बुजुर्गों को बहुत अच्छा ऑक्सीजन चाहिए होता है क्योंकि शुद्ध हवा दिल के लिए अच्छा माना जाता है।”

बॉक्स न्यूज

डोंगीपानी के विद्यार्थियों ने कहा हम भी शामिल है ग्रीनचर्या में :
बरमकेला विकासखंड के पिछड़े और पहुंच विहीन वनग्राम में अध्ययनरत वनवासी विद्यार्थी जिनकी अंग्रेजी ज्ञान की दक्षता एवं उनके गुरुजनों के विशेष अध्यापन शैली को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हुई और उनके शिक्षक को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया यहां के विद्यार्थी फराटेदार अंग्रेजी बोलते हैं और इनके बौद्धिक स्तर की भी सराहना सभी ने की है। यहां स्कूल के लिए पहुंच मार्ग बनवाने की मांग को लेकर शिक्षक रायगढ़ पहुंचे थे और जब ग्रीन चर्या की टीम इन से मिली तो उन्होंने उत्साह के साथ नारा लगाया- धरती को बचाना है – ग्रीन चर्या अपनाना है” इतना ही नहीं विद्यााार्थीयों ने अपने दिनचर्या में ग्रीनचर्या अपनाने की इंग्लिश में अपील किया है। इनके गुरु शशि बैरागी ने इनको फर्राटे दार इंग्लिश बोलने की कला में इन्हें दक्ष बना दिया है और यहां के बच्चे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल का नाम रोशन कर रहें हैं।

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