रायगढ़ विधानसभा बढ़ रहा त्रिकोणीय मुकाबले की ओर..।शंकर लाल अग्रवाल के सघन जनसंपर्क से मिल रहे जन समर्थन से बढ़ सकती हैं राष्ट्रीय दलों की मुश्किलें… ।।

सिंहघोष/रायगढ़-06.11.23- 2018 के चुनाव में हम देख चुके हैं कि किस तरह एक निर्दलीय प्रत्याशी दो राष्ट्रीय पार्टियों का समीकरण बिगाड़ सकता है। 2023 में भी समीकरण कुछ इस तरह के बनते नजर आ रहे हैं जिस तरह शंकर लाल अग्रवाल अपनी पूरी ताकत लगाकर चुनाव लड़ रहे हैं उससे तो यही लगता है कि इस बार भी राष्ट्रीय पार्टियों का समीकरण बिगड़ने में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर लाल अग्रवाल का बड़ा योगदान रहेगा कांग्रेस से बगावत कर (चाहे कारण जो भी हो) मैदान में उतरे शंकर लाल अग्रवाल को ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह का जन समर्थन मिल रहा है ऐसा लग रहा है कि यह राष्ट्रीय पार्टियों के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं। छत्तीसगढ़ में जहा विधानसभा चुनाव महज कुछ ही दिन बचे है वही रायगढ़ में भी चुनाव की गहमा गहमी माहौल बना हुआ है। रायगढ़ विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक प्रत्याशी समाज सेवी शंकर लाल अग्रवाल को लगातार लोगो का आशीर्वाद,भारी जनसमर्थन देखने के लिए मिल रहा है। शंकर अग्रवाल को मतदाता एक बेहतरीन समाज सेवी के रूप में देख रहे है। जिन्होंने समाज को एक समान विचार धाराओं से लेकर चलने वाले है। जिन्होंने सनातन हिंदू विचार धाराओं को जीवन में अनुसरण करने का विशेष पहल किया है। ग्रामीण क्षेत्रो में कीर्तन भागवत का अलख जगाकर लोगो में ईश्वर के प्रति आस्था बनाकर रखे हुए है व शंकर ने जहा अपना जीवन को समाज में अंतिम पंक्ति व्यक्ति के लिए समर्पित किया है। जिस भी क्षेत्र गांव,मोहल्ला शहर हो केवल शंकर भैया के नाम से लोग पुकारते नजर आ रहे है। वैसे माने तो पूरे क्षेत्र में लोगो का भारी जनसमर्थन मिलने लगा है और मतदाता लगातार जुड़ते ही जा रहे है।