रायगढ़

किसान नेता लल्लू सिंह के समर्थन के बिना कांग्रेस उम्मीदवार का बेड़ा पार संभव नही…।।

नेतनागर नहर आंदोलन के बाद बढ़ा कद…।।

सिंहघोष/रायगढ़-25-04-2023- आगामी विधानसभा चुनाव की घड़ियां जैसे जैसे करीब आ रही है,जिले में भी चुनावी गतिविधियां तेज होने लगी है।

इस क्रम में वर्तमान विधायक प्रकाश नायक के अलावा तमाम अन्य दावेदार भी सामने आने लगे हैं। इन नामों में कुछ सर्वमान्य नाम है तो कुछ स्वयंभू भी शामिल है। कांग्रेस के एक बड़े धड़े का मानना है कि कांग्रेस विधायक के बीते कार्यकाल से विधानसभा के बहुतेरे लोग सबसे असंतुष्ट है उनकी मानें तो परफार्मेस के आधार पर पार्टी हाई कमान वर्तमान विधायक प्रकाश नायक की टिकट काट(जो शायद ही सम्भव हो) सकता है। इसलिए विकल्प की तैयारी में कुछ नए और दिग्गज नामों पर विचार किया जा सकता है। उनके अनुसार एक नाम डॉ.राजू अग्रवाल का है,जिन पर सबकी सहमति मुश्किल हैं उनपर प्रत्येक चुनाव मे अलग-अलग पार्टियों के लिए (निजी सबंधों की दुहाई देते हुवे) वोट करवाने के आरोप लगते रहे हैं। पिछली बार टिकट कटने से उनकी पार्टी कार्यालय से दूरी बनाए रखना व फोन पर लोगों से वोट करवाना उनके लिए नेगेटिव जाएगा । वहीं निगम के सभापति और दिग्गज कांग्रेस नेता जयंत ठेठवार भी दावेदारी में दूसरा प्रमुख नाम बन कर सामने आया है जबकि अन्य नामों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निकटतम युवा नेता अनिल अग्रवाल(चीकू)और वासु यादव भी शामिल है जिनपर पार्टी विरोधी होने का आरोप तो नहीं है। सभी के साथ उनका पाजेटिव और निगेटिव इमेज भी जुड़ा है। तो वही दूसरी ओर एक सराईपाली के व्यापारी शंकर लाल भी हर चुनाव मे अपनी दावेदारी ठोकने रज़ाई से निकलते हैं जिनको कुछ कॉंग्रेसयों के अलावा शायद ही कोई चेहरे से जानता हो उनका टिकिट मांगने का अपना ही स्वेग है।

ये तो रही दावेदारों का नाम लेकिन जमीन से जुड़े कुछ ऐसा नेता भी है जिनके बिना समर्थन के कांग्रेसी उम्मीदवार की भावी जीत लगभग असम्भव होगी। सीधे तौर पर कहे तो इनमे से ही कोई आने वाले दिनों में कांग्रेस का प्रबल और सुनिश्चित दावेदार भी हो सकता है।

कांग्रेस के ऐसे जमीनी पकड़ वाले नेताओं में पहला नाम सुप्रसिद्ध किसान नेता लल्लू सिंह(नेतनागर) का है। तो इस क्रम में दूसरे नाम युवा नेता विभाष सिंह,पूर्व सभापति सलीम नियारिया का हैं।

इन तमाम नामों में किसान नेता लल्लू सिंह की सक्रियता और जन समर्थन सबसे अधिक और सबसे ज्यादा है। पार्टी के प्रति किसान नेता लल्लू सिंह की निष्ठा और पार्टी के छोटे बड़े कार्यकर्ताओं से उनका मेल-जोल उन्हे सबसे अलग बनाता है। विशेष कर जिले के ग्रामीण अंचलों में किसान नेता लल्लू सिंह की अच्छी पैठ और सम्मान है। ग्रामीण उन्हे अपने बीच का सर्वमान्य नेता मानते है। यही वजह है कि दोनो प्रमुख पार्टियों(पक्ष/विपक्ष)के नेतागण उन्हे बराबर का सम्मान देते हैं।

भावी उम्मीदवार के लिए क्यों जरूरी है,लल्लू सिंह का समर्थन??

स्थानीय लोगों की मानें तो जिले के ग्रामीण अंचलों में अपने चित परिचित लोगों की हर छोटी बड़ी समस्या में बिना स्वार्थ खड़े होने वाले लल्लू सिंह जिला पंचायत क्रमांक 5 से लल्लू सिंह उनके लिए किसी जननेता से कम नहीं हैं। ग्रामीणों के बीच उनका अपना सुनिश्चित जनाधार अनूठा अलग स्थान है।

साफ सुथरी छवि के बड़े जनाधार वाले स्थानीय नेता है लल्लू सिंह..

पूर्वांचल से लेकर पुसौर क्षेत्र के ज्यादातर पिछले लोगों का कहना है कि पिछले 43 वर्ष से कांग्रेस पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा के साथ राजनीति संघर्ष करने वाले जमीनी नेता लल्लू सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में पूरी ईमानदारी के साथ सिर्फ लोगों का भरोसा कमाया है। जमीनी स्तर पर जितनी मेहनत आपने कांग्रेस पार्टी के लिए की है,वह उन्हे निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ता बनाने के लिए पर्याप्त है। पार्टी में लगातार सक्रियता और बड़े जनांदोलन में तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ लोगों को जोड़ने के अलावा अपने सिर्फ खेती किसानी ही की है। आपने राजनीतिक रसूख की आड़ में कभी कोई व्यवसाय नही किया। लोग कहते है कि आप काजल की कोठरी में रहकर भी बेदाग छबि वाले नेता रहे हैं।

श्री सिंह सही और गलत बात को सीधे मुंह के सामने बोलने का साहस रखते हैं। आपने कभी भी अपने फायदे के लिए पार्टी के बड़े नेताओं की जी हुजूरी नहीं की है। दूसरे शब्दों में आपने राजनीति को लोगो की सेवा भाव का माध्यम माना है,जमीर बेचकर राजनीति करने वालो में से आप नही रहे हैं। आपके इसी स्वभाव के कारण प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी जी से लेकर जन_नायक शहीद नंद कुमार पटेल और तत्कालीन केबिनेट मंत्री स्व.डॉक्टर शकराजीत नायक आपसे बहुत स्नेह रखते थे। इन बड़े नेताओं के करीबी होकर भी श्री सिंह ने इनसे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया।

मूलतः खेती किसानी के पेशे से जुड़े इस कांग्रेसी नेता की छवि पूरे प्रदेश भर में कट्टर किसान नेता की रही है। आपने अपने जीवन में राजनीति से ऊपर किसानों की समस्याओं को ज्यादा महत्व दिया है। इस कारण से सिर्फ छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि पड़ोसी प्रांत उड़ीसा के ग्रामीण लोग अपनी खेती किसानी की समस्याओं या प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी बात रखने को लेकर किसान नेता लल्लू सिंह से सलाह मशविरा लेने जरूर आते है। आपने पड़ोसी राज्य उड़ीसा के कई किसान आंदोलनों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। आप तत्कालीन भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के प्रबल विरोधी रहे हैं। यहां तक कि लारा भू_विस्थापित आंदोलन में भी आपने प्रमुख भूमिका निभाई है। इस वजह से आप क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों के अलावा युवाओं में भी गजब की लोकप्रियता रखते हैं। कांग्रेस से जुड़े कुछ ग्रामीण युवा कार्यकर्ताओं का मानना है कि आपका प्रभाव पूरे शहर के 113+,पूर्वांचल 30 +,पुसौर 89+,सरिया के 60 कुल मिलाकर सभी 292 पोलिंग बूथ में देखा जा सकता है।

सच कहें तो किसान नेता लल्लू सिंह को नजर अंदाज कर रायगढ़ और खरसिया विधान सभा का भावी पार्टी प्रत्यासी कांग्रेस की तरफ से चुनाव नही जीत सकता है। जिले भर के किसानों और उनके परिवारों के बीच अपनी अच्छी पैठ की वजह से आप रायगढ़ विधानसभा ही नही बल्कि जिले के पूरे पांचों विधानसभा सीट प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं।
बावजूद इसके बेहद शांति और शालीनता से राजनीति करने वाले नेता लल्लू सिंह ने खुद को कभी बड़ा नेता नही माना,,उलट आप पार्टी के साथ सीधे जमीन से ही जुड़े रहे। वही। लोगों का यह भी कहना है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने बीते पांच वर्ष में आपको यथोचित सम्मान नहीं दिया। जिसके वो हकदार रहे हैं। पार्टी के जिम्मेदार नेता आगामी विधान सभा चुनाव तक उन्हे
साधने में सफल नहीं हुए और आपने अगर सम्मान के अभाव में कांग्रेस पार्टी की सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली तो इसका दुष्परिणाम पार्टी प्रत्याशी को आने वाले विधान चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। नेतनागर नहर आंदोलन के दौरान आपने इस बात का बेहतर प्रमाण दे दिया था।

मतलब रायगढ़ विधानसभा में पार्टी के वर्तमान विधायक प्रकाश नायक के अलावा किसी भी संभावित कांग्रेस पार्टी प्रत्यासी के लिए विधानसभा 2023 के मद्दे नजर सुविख्यात किसान नेता लल्लू सिंह ही “किंगमेकर” की भूमिका निभा पाएंगे. उन्हे नजरंदाज कर पार्टी प्रत्यासी के लिए विधानसभा रायगढ़ से आगामी चुनाव जीतना कतई आसान नही होगा।।

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