रायगढ़

जन्माष्टमी मेला(मीना बाजार)के समर्थन में लगभग 32 पार्षदों ने दी लिखित सहमति…।।

सिंहघोष/रायगढ़-29.07.23- शहर के सावित्री नगर में हर साल लगने वाले मीना बाजार की जगह को लेकर पार्षदों की असहमति की बात नगर निगम ने अपने अभिमत में कही है. लेकिन हम बताना चाहेंगे कि नगर निगम के निर्वाचित पार्षद व एल्डरमेन चाहते है कि इस बार भी जन्माष्टमी मेला उसी सावित्री नगर में लगे जंहा बीते 9 साल से लगता आ रहा है। नगर निगम ने पार्षदों की सहमति नही मिलने की बात तो कही है लेकिन आपत्तिकर्ता पार्षद कोंन है यह नही बताया है। अब जब लगभग 32 पार्षद व एल्डरमेन को मीना बाजार सावित्री नगर में लगने से कोई आपत्ति नही है तो इन सभी के सहमति पत्र के साथ मीना बाजार के संचालन की अनुमति मिलने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।

उधर बीजेपी पार्षद के साथ मिलकर जिन लोगो ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी उसमें भी कोर्ट ने एसडीएम को सक्षम अधिकारी बताते हुए मीना बाजार के संचालन को लेकर कोई भी ऑर्डर नही किया है। बल्कि कोर्ट में पर्याप्त जगह नही होने का का हवाला देते हुए जो जनहित याचिका दायर की गई थी उसमें जगह की कमी से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज कोर्ट को नहीं दिए गए थे ऐसे में जिला प्रशासन के सक्षम अधिकारी के अधिकारक्षेत्र को हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखते हुए बेहद सटीक बात कही है।

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के बाद कोर्ट में मामला लंबित होने का हवाला देते हुए भाजपा कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सावित्री नगर मीना बाजार स्थल पर संचालक द्वारा समान रखे जाने का विरोध किया था जिसके बाद नगर निगम की ओर से जमीन के मालिक व मीना बाजार के संचालक को नोटिस भी जारी हुआ था।जबकि किसी की निजी जमीन पर यदि कोई भी समान रखा गया है तो इसपर निगम के द्वारा नोटिस देना भी समझ से परे हैं। सावित्री नगर की उक्त जमीन पर कोई गैरकानूनी काम नही हो रहा है और न ही कोई आपत्तिजनक समान रखे गए है लेकिन फिर भी नगर निगम ने नोटिस जारी किया। एक तरफ सावित्री नगर में हर साल लगने वाले मीना बाजार के संचालन को लेकर 32 पार्षदों व एल्डरमेन ने लिखित सहमति दी है तो वही दूसरी तरफ एक भाजपा और एक कंग्रेसी पार्षद मिलकर सावित्री नगर में मीना बाजार नही लगाए जाने जी जान से जुटे है। इसके लिए वे नगर निगम और कलेक्ट्रेट ही नही हाईकोर्ट तक पहुंच गए।

रायगढ़ के लिए ये बात वैसे तो बहुत ही फायदे की है कि किसी एक काम के लिए तो भाजपा और कांग्रेस में एकराय दिख रही है लेकिन यही ताकत और एकजुटता किसी जनहित के मुद्दों पर लगाते तो शायद हमारे शहर की तस्वीर कुछ और ही होती। जिस तरह अपने निजी स्वार्थ को लेकर दोनो ही पार्टी के पार्षद एक है उसी तरह कभी जनता से जुड़े मुद्दों के लिए भी एक हो जाते तो रायगढ़वासी चेन की साँस लेते।

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