संपादकीय

तथाकथितों को अब सतायेगी विकास की चिंता-नवरतन शर्मा

“सीधी बात नो बकवास”

सिंहघोष-२८.०३.२२-छत्तीसगढ़ आगामी विधानसभा चुनाव में अब लगभग डेढ़ साल ही शेष बचे है। जिसे देखते हुए जिले के कुछ सो कॉल्ड रहनुमा अब अपने बिलो से बाहर निकलने लगे है ये वही लोग है जिन्होंने पिछले लगभग तीन वर्षों में देश-प्रदेश और शहर के हालातों से क्षुब्ध होकर कई बार बैंकॉक,पटाया,नेपाल आदि जगहों का भ्रमण करते हुए गहन आत्ममंथन किया है। यही उन्होंने भावी सुधार-योजना बनाना सीखा साथ ही परिवर्तन की बारीकियों से खुद को लबरेज करते हुए,खुद में नई ऊर्जा का संचार किया है। ऐसे में ये तथाकथित लोग अब अपने पुराने खत्म कर चुके सम्बन्धों को अपने अंदाज में पुनर्जीवित करने की कवायद शुरू कर दी है। जिसकी पहली कड़ी में अब ये लोग बुलाए बिन बुलाए मेहमान की तरह,छठी,बरही,जन्मदिन,दशकर्म,
पूजा-पाठों में स्वयं पहुँच कर कभी खुद अपने हांथो कुचले गए सम्बन्धों को वापस जिंदा करने की नियत से पानी डालने जैसा काम कर रहे हैं। फिर तो उन्हें शहर के कुछ युवाओं को काम में लगाते हुए अपने आवभगत के नाम का रोजगार भी तो देना है। जो कभी इन्ही की वजह से बेरोजगार भी हुवे थे। इन सबसे महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया में खुद की तारीफ करवाना उनसे जो कभी किसी एक के हो कर न रहे हो या उनसे पैड न्यूज़ के माध्यम से अपने बारे में समाजसेवी,गरीबो का रहनुमा, शोषितों का रॉबिनहुड जैसे शब्दों से सोशल मीडिया प्लेट फार्म की भरपाई करवाना है।

तथाकथितों के लिये यह बात कोई मायने नही रखती कि उन्हें किस पार्टी से चुनाव लड़ना है या राजनीति में अपनी खोई हुई जमीन वापस पानी है। ये चाहते है कि किसी तरह पिछले तीन साल से आमजनों और उनके मुद्दों से दूरी बनाए रखने के बाद भी इन शार्टकट तरीकों के माध्यम से उनके बीच अपनी दिखावटी उपस्थिति दर्ज कराई जाए।

हालांकि ऐसे मौकापरस्त,स्वयम्भू समाजसेवियों या तथाकथितों ने अब तक यह नही बताया है,कि उन्होंने अब तक किस मुद्दे पर जनता का साथ दिया है? या किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए हैं? ऐसे में आप तथाकथितों के विषय मे कोई पैड वर्कर ही आपकी तारीफ कर सकता है। परन्तु वो चाहकर भी आपके विषय में लोगो से इस बात को छिपा नही सकता कि कभी रात-रात भर कबाड़ियों के साथ धूमने वाले ये वही आयरन चोर हो जो रायगढ़ कमाने खाने आये थे। लेकिन कुछ तुमसे बड़े मौकापरस्तों ने तुम्हे नेता बना दिया अब आप ही शहर के प्रति अपने द्वारा की गई एक भी समाजसेवा का काम तो बताओ तभी हमारा सामान्य ज्ञान मजबूत होगा अन्यथा आपके विषय मे हम तो इतना ही सच जानते है कि आपने अपने सखा बंधुओं को खुद का पैसा देकर मंचासीन होने के अलावा कोई यादगार काम नही किया है। क्यों यही सच है न…?

जय हो तथाकथितों की।।🙏

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