खोई जमीन तलाशने मे जुटे लोग…। मीना बाजार या राजनीति चमकाने का अवसर…??

सिंहघोष/रायगढ़-14-07-23- मीना बाजार,जन्माष्टमी मेला दशकों से जिले की पहचान रहीं हैं।इसमे कभी भी किसी संगठन,विभाग,व्यक्ति ने विरोध नहीं किया पता नहीं इस बार एक,दो व्यक्तियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है जबकि अधिकांश स्थानीय निवासियों द्वारा मीना बाजार लगने को लेकर उत्साह बना हुवा हैं। वहीं लोगों का सीधा कहना है कि विवाद पेसे के लेनदेन का हैं चुकी पिछले साल जब उसी स्थानीय पर दो अलग अलग मीना बाजार लगे थे तो यही विरोध करने वाले मीना बाजार के मुफ्त पास वितरण,सुरक्षा,विवादों के निपटारे करते नजर आए थे। सोशल मीडिया की पोस्टों को देखे तो उसमे ज्यादातर बुद्धिजीवी वर्ग मीना बाजार को सावित्री नगर मे लगने का समर्थन करते दिख रहे।दबी जुबान से लोगों का कहना है कि स्थल के विरोधियों मे कुछ ऐसे लोग है जिनको कभी भी शहर में शांति,सौहार्द,खुशी बर्दाश्त नहीं होती या तो उनको विरोध न करने की मुह मांगी रकम मिल जाए या उनको मलाईदार ठेका दे दिया जाए नहीं तो वे किसी और के कन्धे का इस्तेमाल कर तीर शिकार फासने की नाकामयाब कोशिश करते हैं हमेशा विवादों मे रहने वाले कुए के मेंढक खुद को किसी चाणक्य से कम नहीं समझते जबकि शहर मे इनको इसने ज्यादा गिरे हुवे दो,तीन लोग अपने करीब बैठाने मे अपनी शान महसूस करते हैं। दरअसल ये मामला मूलतः अपनी राजनीतिक,सामाजिक जमीन तलाशते कुछ मानसिक अय्याश व्यक्ति की दिमागी उपज के अलावा और कुछ भी नहीं है।
शहर में लगने वाले मीना बाजार को लेकर प्रशासन असमंजस की स्थिति में है क्योंकि कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मीना बाजार स्थल का विरोध किया जा रहा है। इसी मामले की वास्तविकता जानने आज “छत्तीसगढ़ नाउ” की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और वहां के स्थानीय लोगों से बात की और उनका पक्ष जाना। वही शहर में कई प्रकार की अटकलों का बाजार गर्म है। मीना बाजार का विरोध करने वालों पर कई तरह की उंगलियां भी उठाई जा रही हैं।
रायगढ़ में हर वर्ष जन्माष्टमी के समय मेले का आयोजन होता आ रहा है जिसमें की रायगढ़ से ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है। पहले यह मीना बाजार शहर के बीच लगा करता था पर अब विगत कई सालों से यह मीना बाजार जूटमिल सावित्री नगर क्षेत्र में लगता रहा है। इस वर्ष मीना बाजार का कई जनप्रतिनिधियों ने विरोध दर्ज करवाया है। जिसकी वास्तविकता जानने के लिए आज हमारी टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और वहां के स्थानीय महिला एवं पुरुषों से बात की।
उन्होंने बताया कि उन्हें मीना बाजार लगने से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है बल्कि उन्हें कई प्रकार के रोजगार उपलब्ध हो जाते हैं। और विरोध करने वालों पर राजनीति करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उनके व्यक्ति द्वारा मीना बाजार नहीं लगा कर अन्य व्यक्ति द्वारा लगाया जा रहा है। जिस कारण से विरोध किया जा रहा है। कुल मिलाकर कहा जाए तो स्थानीय लोगों को मीना बाजार लगने से इतनी आपत्ति नजर नहीं आई है।
अब अचानक मीना बाजार के मालिक के बदलने पर स्थल का विरोध करना कहीं ना कहीं कई लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रहा है। दबी जुबान में लोग कई प्रकार की बातें कर रहे हैं। अब मीना बाजार मामले का पूरा पटाक्षेप जिला प्रशासन के रुख पर निर्णय करता है। जिला प्रशासन भी सभी पहलुओं से बारीकी से जांच कर रही है जल्दी मीना बाजार पर कोई निर्णय आ सकता है।
नोट-पिछले वर्ष के फोटो,वीडियो सुरक्षित है।