साइटिका का सटीक इलाज मिला आयुर्वेदिक अस्पताल में…।आयुर्वेद चिकित्सा ने भर दी खुशियों से अहमद दंपत्ति की झोली…।।

सिंहघोष/रायगढ़.27.05.22.
जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में हर दिन ओपीडी में कम से कम 125-150 मरीज आते हैं और परामर्श लेकर उचित इलाज पाते हैं। बीते कुछ सालों में आयुर्वेद की ओर लोगों का रुझान फिर से बढ़ा है। ब्लड प्रेशर,शुगर,सर्दी,जुकाम,कमर से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित मरीजों की तादाद यहाँ अधिक रहती हैं क्योंकि इसका सटीक इलाज यहाँ मिलता है।
इन बीमारियों के अलावा हाल ही में एक दंपती के जीवन की खुशियों का कारण यही आयुर्वेदिक चिकित्सालय बना।
दरोगामुड़ा की रहने वाली 30 साल की आइसा अहमद बीते 4 वर्ष से संतान की चाहत में न जाने कितने निजी चिकित्सालयों के चक्कर लगा रही थी। एक तो संतान की चाहत तो दूसरी ओर साइटिका नर्व में भीषण पीड़ा। जिससे उन्हें दैनिक कार्य भी कर पाने में समस्या होती थी। किसी ने उन्हें आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉ. नीरज मिश्रा (एम.डी, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी) से बीमारी के बारे में सलाह लेने को कहा। आइसा ने 2 साल पहले यहां से चिकित्सीय परामर्श के बाद इलाज शुरू करवाया।
डॉक्टर नीरज मिश्रा ने बताया: “पहले साइटिका नर्व (गृधसी) के दर्द को ठीक करने की मैंने सलाह दी। इसके बाद नि: संतान के लिए आवश्यक दवाइयां दीं। जबकि पहले वह साइटिका के दर्द को दूर करने के लिए पेन किलर, स्टेरॉयड और
न्युरोटान्समीटर दवाएं लेती थी जिससे गर्भ ठहरने में परेशानी होती है। इसलिए पहले मेरे द्वारा दर्द का इलाज किया गया।”
आइसा ने बताया “मैं बीते 9 माह से पूर्णतयाः आयुर्वेद चिकित्सा में ही रही। आयुर्वेद चिकित्सा पर पूरा भरोसा कर आज मैं एक पुत्र की माँ हूँ। इस चिकित्सालय ने मेरी झोली खुशियों से भर दी। “
क्या है साइटिका
साइटिका नसों में होने वाला ऐसा दर्द है जो कमर के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों के नीचे तक जाता है। यह कोई रोग नहीं बल्कि सैक्रोलाइटिस, डिस्कप्रोलेप्स, स्पाइनल इंफेक्शन आदि रोगों का लक्षण हो सकता है। अधिक मेहनत करने या भारी वजन उठाने से यह समस्या होती है। खराब जीवनशैली व खानपान, उठने-बैठने के गलत मुद्रा से भी यह दर्द हो सकता है। इस दर्द में कुछ योगासन आराम पहुंचाते हैं जैसे भुजंगासन, वायुमुद्रा, मकरासन, मत्स्यासन, क्रीड़ासन और वज्रासन।